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लखनसेन में हुआ जनवितरण का लैबटेस्ट

बड़हरवा लखनसेन (पूर्वी चम्पारण)। कहां है अपना फोटोग्राफर, त्रिपुरारी जी। जरा इस गेहूं की तस्वीर तो उतरवाइए। इस बोल के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर तल्खी छा गयी। बोले, भारतीय खाद्य निगम ऐसा ही छोटे साइज का सूखा हुआ दाना हमारे यहां भेजता है और अधिग्रहण के समय हम लोगों के किसानों के बढि़या गेहूं पर पिंगिल(नखरे दिखाना) पढ़ता है? फोटोग्राफर की खोज होती ही रही कि मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी ने स्वयं कैमरे...

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अपने ही सर्वेक्षण में उलझा खाद्य आपूर्ति विभाग

पटना पंचायतवार बीपीएल, अंत्योदय परिवार को अनाज और एपीएल परिवारों को दिये जानेवाले केरोसिन कूपन के लिए हुए सर्वेक्षण के आंकड़े विवादित हो गये हैं। जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से विभाग ने बार कोडेड कूपन की छपाई के लिए यह आंकड़ा मांगा था। मालूम हो कि अब तक ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उपलब्ध संख्या के आधार पर ही बीपीएल,अंत्योदय परिवारों के लिए कूपन की छपाई होती रही है। जिलों से आए विभागीय आंकड़े और ग्रामीण विकास विभाग...

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महंगाई पर आमने-सामने होंगे केंद्र व राज्य

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुख्यमंत्रियों के कोर ग्रुप की पहली बैठक राशन के कम अनाज आवंटन को लेकर केंद्र व राज्यों के बीच खींचतान का अखाड़ा बन सकती है। हालांकि कोर ग्रुप की यह पहली बैठक महंगाई पर काबू पाने के नुस्खे तलाशने के लिए बुलाई गई है। गुरुवार को इस बैठक में जब प्रधानमंत्री और 10 राज्यों के मुख्यमंत्री महंगाई के मुद्दे पर आमने- सामने होंगे तो आवश्यक वस्तु अधिनियम...

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एपीएल के लिए खाद्यान्न कीमतों में वृद्धि टली

नई दिल्ली। सरकार ने गरीबी रेखा के उपर [एपीएल] के 11.52 करोड़ परिवारों के लिए आवंटित किए जाने वाले गेहूं और चावल की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को संभवत: स्थगित कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने खाद्य मंत्रालय की ओर से रखे गए इस आशय के प्रस्ताव को टाल दिया है। इस प्रस्ताव के तहत राशन की दुकानों के जरिए एपीएल परिवारों को बेचे जाने वाले गेहूं और चावल की कीमतों...

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महीने में 35 किलो गेहूं-चावल के भी लाले

देहरादून। प्रदेश के एपीएल उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। केंद्र से गेहूं व चावल का पर्याप्त कोटा नहीं मिलने से पिछले दो वर्ष से उत्तराखंड खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है। खाद्य मंत्रालय ने इस मामले में लगातार केंद्र से पत्राचार किया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली निरंतर कमजोर हो रही है। सरकारी सस्ते गल्ले...

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