अगर जानना चाहते हों कि ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' का वादा किस मुकाम तक पहुंचा है तो फिर सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) की एक नई रिपोर्ट आपके बड़े काम की साबित हो सकती है. भ्रष्टाचार-मुक्त पारदर्शी शासन देने के वादे से बनी मोदी सरकार अपने शासन के चार साल पूरे कर रही है और सीएमएस की रिपोर्ट के तथ्य उसके लिए बुरी खबर लेकर आये हैं. रिपोर्ट के मुताबिक देश के...
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कैसे आएंगे कठघरे में साइबर अपराधी-- जाहिद खान
‘डिजिटल इंडिया' के सरकारी नारों के पीछे हमारी साइबर सुरक्षा कितनी पुख्ता और अभेद्य है, इस बात की पोल एक बार फिर सरकारी वेबसाइटों में सेंध लगने और इन वेबसाइटों के बंद होने की घटना ने खोल दी है। पिछले दिनों अचानक रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के होम पेज पर चीनी शब्द दिखाई देने लगा। इसके कुछ देर बाद ही गृह मंत्रालय, चुनाव आयोग और श्रम मंत्रालय सहित करीब दस...
More »होनहारों को उनका हक चाहिए-- शशि शेखर
कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई धांधली परत-दर-परत खुलती जा रही है। यही हाल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं में हुए गड़बड़झाले का है। इस तरह के पुराने मामले के अन्वेषण के अगुआ रहे एक अवकाश प्राप्त अधिकारी का मानना है कि यह ऐसी दलदल है, जिसमें जितना खोदो, उतना कीचड़ हाथ आएगा। देश के नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ का यह सिलसिला पुराना है। एक आपबीती बताता हूं-...
More »बिहार : स्कूलों का टर्न ओवर 400 करोड़ के पार, हो रही मोटी कमाई
पटना : राजधानी में स्थित प्राइवेट स्कूलों का सालाना कारोबार करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक का होता है. इसमें यहां सीबीएसई व सीआईएससीई से संबद्ध करीब 50 जाने-माने स्कूल हैं, जहां एडमिशन की मारामारी रहती है. इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 1.50 लाख के करीब है. मंथली फीस के अलावा स्कूलों में हर साल नये एडमिशन और विभिन्न कक्षाओं में प्रमोट होनेवाले विद्यार्थियों से भी अलग-अलग मद में...
More »शिक्षक को मजबूर बनाती व्यवस्था-- मनीषा सिंह
हमारे समाज में शिक्षक काफी सम्मान का पात्र समझा जाता रहा है। देश की भावी पीढ़ी या भविष्य कहलाने वाले बच्चों और अंतत: समाज को शिक्षा व सही दिशा-निर्देश देने की शिक्षक की भूमिका में तो अब भी कोई बदलाव नहीं हुआ है, पर आधुनिक व्यवस्था में वह समाज के सबसे निरीह प्राणी के रूप में देखा जाने लगा है। इसका कारण सिर्फ यह नहीं है कि शिक्षक के रूप...
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