नयी दिल्ली : प्रदूषण में खतरनाक स्तर तक बढ़ोतरी और ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती चिंताओं को लेकर लोगों के एक समूह ने मंगलवार को पर्यावरण मंत्रालय के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इंदिरा पर्यावरण भवन के बाहर प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे जिन पर लिखा था ‘दिल्ली की हवा जहरीली है', ‘सांस लेने से जान जा रही है', ‘सांस लेना मेरा अधिकार' जैसे नारे लिखे...
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किसान आंदोलन का नया स्वरूप- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
किसानों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि खेती किसानी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यह तो तय है कि जैसे-जैसे उत्पादन में उद्योग धंधे और पूंजी का महत्व बढ़ता जायेगा, वैसे-वैसे किसानों की हालत बिगड़ती जायेगी. दुनियाभर के पूंजीवादी देशों को देखकर लगता है कि बिना सरकारी सहायता के किसानों की हालत अच्छी नहीं हो सकती है. भारत में पूंजीवाद के बढ़ते कदम...
More »किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए नयी खरीद नीति को मिली मंजूरी
नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को नयी फसल खरीद नीति को मंजूरी दी है. इसमें एक योजना और तिलहन कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने की स्थिति में तिलहन किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करने पर केंद्रित है और दूसरी योजना के तहत राज्य सरकारों को किसानों से उनकी उपज की खरीद में निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी जोड़ने की छूट होगी. सूत्रों ने...
More »क्यों रूठ गए हैं बादल हमसे- प्रार्थना बोराह
देश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा की सौगात देने वाला मानसून इस बार बिहार, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों से मानो रूठ गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इन राज्यों में सामान्य के मुकाबले कम बारिश हुई है। अगस्त और सितंबर महीने के बारे में भी औसत या कम बारिश की भविष्यवाणी मौसम विभाग और स्काईमेट द्वारा की जा रही है। जाहिर है, कम बारिश...
More »छत्तीसगढ़ में मानसून की बेरुखी से फिर सहमे किसान
संजीत कुमार, रायपुर। मानसून की बेरुखी ने सालभर पहले सूखे की मार झेल चुके छत्तीसगढ़ के किसानों की चिंता फिर बढ़ा दी है। राज्य के 27 में से 13 जिलों के किसान अभी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। इनमें बलरामपुर, रायगढ़ व सरगुजा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। इन जिलों में अभी तक 30 फीसद से भी कम बारिश हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति...
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