कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
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जंगल बचाने में फिसड्डी पंजाब
लुधियाना . पर्यावरणीय बदलाव के कारण सबसे अधिक समस्याएं झेल रहे फूड बाउल आफ इंडिया के राज्य पर्यावरण संरक्षण में सबसे ज्यादा लापरवाह हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तीनों राज्य देश को करीब 80 फीसदी अन्न भंडार देते हैं, लेकिन इनमें जंगल या पर्यावरण को बचाने की दिलचस्पी कम है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इन राज्यांे में फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर एरिया लगातार कम हुआ है,...
More »रोटी की बहस और बहस की जमीन- चंदन श्रीवास्तव
सलाह मिल गयी है. खाद्य-सुरक्षा विधेयक का मसौदा अपनी परिणति तक आ पहुंचा है. लोग जान गये हैं कि यूपीए सरकार ना सही सबको तो भी कम-से-कम 80 फ़ीसदी लोगों को सस्ता अनाज देने जा रही है. लोग खुश हैं या नहीं, कहा नहीं जा सकता. भोजपुरी में एक कहावत है-ये सूरदास घीव कड़कड़ाईल बा और सूरदास का जवाब कि थरिया में पड़ो तब नू. खाद्य-सुरक्षा के मामले में जनता-जनार्दन...
More »5 लाख एकड़ से कम में नं मिलेगी किसानों की जमीन
भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। अब उद्योगपति पांच लाख रुपए एकड़ से कम में किसानों से जमीन नहीं खरीद सकेंगे। सरकार इसके लिए नियम बनाने जा रही है। मुख्य सचिव अवनि वैश्य की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक मे उक्त निर्णय लिया गया। बैठक में लिए गए निर्णय का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए कैबिनेट की अगली बैठक में भेजा जाएगा। जानकारी...
More »सूबे में फलों की पैदावार में दस गुना वृद्धि
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले छह सालों में फलों की पैदावार में 10 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है तथा फलदार बाग बगीचों का रकबा लगभग नौ गुना बढ़ा है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में बाग-बगीचों के रकबे और उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। राज्य के किसान अब फलों के बाग लगाने में भी रूचि ले रहे हैं। पिछले छह वर्षों में राज्य में...
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