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इंदिरा आवास बंद, प्रदेश में चलेगी प्रधानमंत्री आवास योजना

भोपाल (ब्यूरो)। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर आवास योजना अब प्रदेश में नहीं चलेगी। इसकी जगह प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होगी। इसमें मनरेगा से भी करीब 15 हजार रुपए दिए जाएंगे। हितग्राहियों को अब मकान बनाने 1 लाख 20 हजार रुपए मिलेंगे।     हालांकि, नई योजना को लेकर सरकार को अभी केंद्र सरकार की गाइड लाइन नहीं मिली है। नई योजना वित्तीय वर्ष 2016-17 से लागू हुई है। प्रदेश में...

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मध्यप्रदेश- ग्रामोदय अभियान की रिपोर्ट बनेगी तबादले का आधार

भोपाल (ब्यूरो)। 14 अप्रैल से चल रहे ग्रामोदय से भारत उदय अभियान की समीक्षा मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इसमें वह कमिश्नर, कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से अभियान की रिपोर्ट लेंगे। इसके अलावा सांसद, विधायक और प्रमुख सचिवों से भी जिलों के कामकाज की रिपोर्ट ली जाएगी। यही रिपोर्ट अफसरों के तबादले का आधार भी बनेगी। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि...

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सुलगता सवाल : क्या मॉनसून की बारिश सूखे की भरपायी कर पायेगी ? सूखते जलागार, घटता जलस्तर, पेयजल और सिंचाई के संकट पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, नये शोध और आधिकारिक दस्तावेज...जानने के लिए यहां क्लिक करें.

लगातार दो सालों (2014-15 और 2015-16) में सामान्य से क्रमशः 12 और 14 फीसदी कम बारिश के कारण सूखे की मार झेल चुका देश इस साल मानसून से पहले भयावह गर्मी की चपेट में है. चैत के दिन जेठ के दुपहरिया की तरह तपे और देश के कई इलाकों में अप्रैल महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा जो कि सामान्य से...

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सफेद इमारतों के काले साये- अनिल रघुराज

जहां चाह है, वहां धंधा है और ज्यादा चाह है, वहां काला धंधा है. देश में जमीन-जायदाद या रियल एस्टेट के धंधे का सालोंसाल से यही हाल है. उद्योग संगठन फिक्की के एक अध्ययन के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा कालाधन रियल एस्टेट में लगा है, सोने व चांदी से भी ज्यादा. कम-से-कम अगले छह सालों तक इस धंधे में मंदी के कोई आसार भी नहीं हैं. केंद्र सरकार ने...

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कुम्हारबांधी: यहां 2016 में भी दिखती है 18वीं सदी जैसी गरीबी

सारठ बाजार. गरीबों के उत्थान की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. यही कारण है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी कमाने के प्रयास में ही बीत जा रहा है. प्रखंड के कुम्हराबांधी गांव के हरिजन टोले का ग्रामीणों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी तक सिमट कर रह गयी है और वह रोटी भी...

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