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बागबाहरा में कर्ज से परेशान आदिवासी किसान ने लगाई फांसी

महासमुंद। महासमुंद जिला मुख्यालय से 53 किमी दूर बागबाहरा ब्लॉक के मोखा में किसान मंथिर सिंह ध्रुव ने गुरुवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन इसकी वजह 5-6 लाख रुपए के कर्ज को बता रहे हैं, जबकि तहसीलदार इस बात से इनकार कर रहे हैं। पखवाड़ेभर में प्रदेश में किसान की खुदकुशी का यह तीसरा मामला है। इससे पहले राजनांदगांव, कवर्धा और दुर्ग जिले में 3 किसानों ने खुदकुशी...

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कृषि ऋण माफी के आईने में-- वरुण गांधी

साल 1865 में अमेरिकी गृहयुद्ध के खत्म होने के बाद अमेरिका में कपास उत्पादन को फिर से बढ़ावा मिलने का नतीजा यह हुआ था कि वहां भारतीय कपास की मांग काफी कम हो गयी. इसके चलते बंबई प्रेसिडेंसी में किसानों से कपास की खरीद में कमी आयी और भुगतान-संबंधी मांग बढ़ गयी. कर्जदाता इच्छुक किसानों को कर्ज देने में हिचकने लगे या फिर वे बहुत ज्यादा ब्याज पर कर्ज देने...

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नोटबंदी से वाहन उद्योग को 8000 करोड़ रुपए का कारोबारी नुकसान

महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका के अनुसार नोटबंदी के कारण नवंबर व दिसंबर महीने में भारतीय वाहन व ट्रैक्टर खंडों को 8000 करोड़ रुपए का कारोबारी नुकसान हुआ हालांकि सुधार अपेक्षा से कहीं तेज हुआ है और महीने के आखिर तक हालात सामान्य हो जाएंगे। गोयनका ने कहा कि अगर नवंबर व दिसंबर महीने में आटोमोबाइल तथा ट्रैक्टर बिक्री में आई सारी गिरावट के लिए किसी और...

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MP Budget : कृषि और सिंचाई के लिहाज से खास रहा ये बजट

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में वित्तमंत्री जयंत मलैया ने राज्य का बजट पेश किया। इसमें सबसे ज्यादा जोर प्रदेश में कृषि और सिंचाई पर दिया गया। बजट भाषण की शुरुआत में वित्तमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 33 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की क्षमता हासिल कर ली गई है और अब इसे और बढ़ाया जाएगा। सिंचाई के लिए 9 हजार 850 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 25...

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गांधी के सपनों का स्वराज-- श्री भगवान सिंह

वैसे महात्मा गांधी ‘स्वराज' या ‘स्वराज्य' संबंधी अपनी अवधारणा को जीवनपर्यन्त परिभाषित करते रहे, लेकिन जहां तक मैं समझ सका हूं, हिंदुस्तान के संदर्भ में उन्होंने जिस स्वराज की परिकल्पना की थी, उसके केंद्र में थी गांवों की स्वायत्त, स्वावलंबी अर्थ एवं प्रबंधन सत्ता। उनकी दृष्टि में गांवों की संपन्नता में ही देश की संपन्नता तथा गांवों की स्वायत्त पंचायती व्यवस्था में ही देश की सच्ची प्रजातांत्रिक छवि अभिव्यक्ति पा...

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