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गुजरात के दुर्लभ जंगली गधों के संरक्षण के लिये आगे आए कच्छ में नमक बनाने वाले अगरिया

मोंगाबे हिंदी, 30 जनवरी नमक के मैदानों में डेरा डालने के लिए तेजल मकवाना अपना सामान पैक कर रही हैं। दशहरा के त्यौहार के बाद वह और उनके पति दानाभाई मकवाना किराए पर एक ट्रैक्टर लेंगे और इसमें प्लास्टिक की पानी वाली टंकियों में 20 दिन का पानी, सोलर पैनल, एक पंप, एक डीजल जनरेटर, नमक बनाने के औजार, खाने-पीने की चीजें और किचन के जरूरी सामान लादकर ले जाएंगे। इतने...

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बिहार में बालू के बढ़ते खनन से बिगड़ती नदियों की सेहत, बढ़ता अपराध सरकार के लिए चुनौती

मोंगाबे हिंदी, 24 जनवरी  दक्षिण बिहार के जमुई जिले के आखिरी छोर पर स्थित गरही थाने में तैनात दारोगा प्रभात रंजन 14 नवंबर 2023 को अवैध बालू उठाव की एक गुप्त सूचना के बाद सुबह-सुबह थाने से करीब पांच किमी दूर किउल नदी के तट पर स्थित चनरवर गांव पहुंचे। स्थानीय लोगों के अनुसार, वहां से प्रभात रंजन 1.5 किमी अंदर की ओर गए। वहां उन्हें व उनके सहयोगी पुलिसकर्मी राजेश...

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कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें

क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ?  इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...

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तपती-झुलसाती गर्मी में आदिवासियों का पैदल मार्च, सीआरपीएफ कैंप और सड़क चौड़ीकरण का विरोध

जनचौक, 15 मई बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में पिछले लंबे समय से अलग-अलग जगहों में आदिवासी सीआरपीएफ कैंप और सड़क चौड़ीकरण के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान आदिवासी 12 और 13 मई को पैदल मार्च कर जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे। लगभग 200 दिनों से अबूझमाड़ तोयमेटा में हजारों ग्रामीण अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। लगातार सरकार की तरफ से...

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महाराष्ट्र के गन्ना किसानों तक कितना पहुंच रहा गन्ने से ईंधन बनाने की योजना का लाभ

मोंगाबे हिंदी, 29 दिसंबर साहू थोरत महाराष्ट्र के सतारा जिले  कलावडे गांव में रहने वाले 47 वर्ष के एक गन्ना किसान हैं। थोरत पिछले 25 वर्षों से गन्ने की खेती अपने चार एकड़ के जमीन पर करते आ रहें हैं। नवम्बर 2022 में वह अपने ताज़ा काटे हुए गन्ने के ढेर को अपनी बैलगाड़ी में लादते दिखे। इस गन्ने को 12 किलोमीटर दूर कराड शहर के रथारे के चीनी के कारखाने...

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