रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य बजट में बीते 4 साल में 900 करोड़ का इजाफा हुआ है। अत्याधुनिक मशीनों, उपकरणों की लगातार खरीदी हो रही है। दवाओं से गोदाम भरे हैं। नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। लेकिन कमी है तो सिर्फ डॉक्टर्स (चिकित्सक) की, विशेषज्ञों (स्पेशलिस्ट) की। क्योंकि इनके बिना कोई इलाज मुमकिन नहीं। दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ के बड़े इलाज जिनमें...
More »SEARCH RESULT
झारखंड का विकास मंत्र- जॉब जकारिया(यूनिसेफ, झारखंड)
झारखंड दुनिया भर के सर्वाधिक खनिज संपन्न इलाकों में से एक है. इसके अलावा जल, जंगल और जमीन के रूप में भी प्राकृतिक संसाधन है. मगर ये संसाधन मात्र ही राज्य का सामाजिक, आर्थिक और मानवीय विकास नहीं कर सकते. मानव विकास का अध्ययन करनेवाली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के आंकड़े बताते हैं विकास के लिए झारखंड को अभी भी बहुत काम करना है और त्वरित गति से करना है....
More »एक बार फिर मालदा से आयी नौ नवजात की मौत की खबर
प्रभात खबर,मालदा (प. बंगाल) : मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर नवजात बच्चों के मौत की खबर सामने आयी है. खबर है कि पिछले दो दिन में नौ नवजातों की मौत हो गयी. मालदा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच) डॉ दिलीप कुमार मंडल ने कहा कि नौ बच्चों में दो लड़कियां और बाकी लड़के थे. उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ बच्चों का जन्म तो एक दिन पहले...
More »यहां जन्म लेते ही अग्निपरीक्षा से गुजरते हैं नवजात
विकास पांडेय, कोरबा। उरगा-करतला मार्ग पर एक ऐसा गांव भी है, जहां के नवजात शिशुओं को जन्म लेते ही एक भीषण अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता है। यहां के आदिवासी समुदाय के लोग अपने एक से 10 दिन के दूधमुहे बच्चों के पेट में लोहे की गर्म सीक से दाग दिलाते हैं। उनका मानना है कि इस तरह नवजातों को सर्दी-जुकाम व पेट की बीमारियों से हमेशा के लिए निजात मिल...
More »झाबुआ में बेटियों को नसीब नहीं हो रही गोद
अहद खान/झाबुआ। जिले के पेटलावद में एक शराबी पिता अपनी बेटी को लावारिस छोड़ गया। दूसरी महिला इसका लालन-पालन कर रही है। शायद इस शराबी की संतान यदि बेटा होती तो वो ऐसा नहीं करता। लाख दावों, नारों और कोशिशों के बावजूद बेटियों को परिवार का प्यार नहीं मिल पा रहा। 'बेटी है तो कल है' नारे में ये बात अच्छी लगती है, लेकिन असलियत में उन्हें गोद लेने वाले...
More »