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क्लीन गंगा फंड की 80 फीसदी से अधिक राशि अब तक ख़र्च नहीं हुई

नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा गठित स्वच्छ गंगा निधि (क्लीन गंगा फंड या सीजीएफ) में प्राप्त की गई कुल राशि का अभी तक सिर्फ 18 फीसदी पैसा ही खर्च किया गया है. द वायर द्वारा दायर किए गए सूचना का अधिकार आवेदन में इसका खुलासा हुआ है. सितंबर 2014 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गंगा सफाई के लिए स्वच्छ गंगा निधि (सीजीएफ) के निर्माण को मंजूरी दी थी और जनवरी 2015 में...

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केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 170,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र में खनन को मंजूरी दी

नई दिल्लीः केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के परसा में घने हसदेव अरंद जंगल में ओपन कास्ट कोल माइनिंग को पर्यावरणीय मंजूरी दे दी. इस फैसले से भारत में वन संरक्षण के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हसदेव अरंद लगभग 170,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला मध्य भारत के घने जंगलों में से एक है. परसा हसदेव अरंद के 30 कोयला ब्लॉकों में से एक है,...

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देश में आदिवासियों की बस्तियां उजाड़ने की मानसिकता पर कब लगाम लगेगी?

एक तरफ विकास के नाम पर मैदानी इलाकों के जंगल खेत में बदलते गए, सड़क, बांध, और रेल लाइन बिछती गई. इसके लिए आदिवासी इलाकों से बेतहाशा संसाधन भी छीने जाते रहे. पिछली दो सदी से चली आ रही विकास की इस सोच ने पानी, हवा सबको मानव जीवन के लिए नुकसानदायक हद तक दूषित कर दिया. दूसरी तरफ, इसकी भरपाई के लिए पर्यावरण के नाम में आदिवासियों की बस्तियां, घर...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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पर्यावरण की चिंता जरूरी-- जगदीश रत्तनानी

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) लगभग आधी सदी पुरानी संस्था है. यह खुद को सार्वजनिक-निजी सहयोग करनेवाले अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में पेश करती है और वैश्विक आर्थिकी सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है. अपने सफर की शुरुआत में इस मंच ने विश्व की एक हजार प्रमुख कंपनियों के लिए सदस्यता की एक व्यवस्था बनायी थी. स्वाभाविक है कि इसने अपने सालों के सफर में भविष्य पर विचार करने के लिए महंगी...

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