भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...
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दक्षिण भारत का अप्पिको आंदोलन -- बाबा मायाराम
हिमालय के चिपको आंदोलन की तरह ही दक्षिण भारत में अप्पिको आंदोलन को काफी मान्यता और ख्याति मिली है। इसे न केवल मीडिया में जगह मिली, बल्कि सरकारी महकमें में काफी सराहना मिली। कर्नाटक सरकार ने जंगल में हरे पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह रोक लगा दी, जो आज तक जारी है। हाल ही में मैं 15 सितम्बर को अप्पिको आंदोलन के सूत्रधार पांडुरंग हेगड़े से मिला। सिरसी स्थित...
More »त्रिपुरा के आदिवासी और टैगोर-- रामचंद्र गुहा
कोई दस एक साल पहले शांतिनिकेतन जाना हुआ। वहां मेरी मुलाकात वाइस चांसलर के सचिव का काम कर रहे बौद्ध भिक्षु से हुई। वे त्रिपुरा से थे, जहां से शांतिनिकेतन की स्थापना के बाद छात्रों का आना लगातार जारी था। कुछ ही दिन बाद मैं मणिपुर गया, जहां की नृत्य और संगीत परंपरा चमत्कृत करने वाली है। मुझे बताया गया कि टैगोर कभी मणिपुर आए तो नहीं, लेकिन त्रिपुरा महाराज...
More »किशोर दुनिया के तकाजे-- कुलीना कुमारी
कहा जाता है कि व्यक्ति का भविष्य बचपन और उस दौरान आत्मसात किए गए मूल्यों पर आधारित होता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में करीब 41 फीसद आबादी 20 साल से कम उम्र की है। रूसो ने बच्चों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया था- पांच वर्ष की आयु तक चलने वाली शैशवावस्था, पांच से बारह वर्ष तक बाल्यावस्था और बारह से बीस वर्ष तक किशोरावस्था। हालांकि वयस्क...
More »हाइकोर्ट का निर्देश, चाइल्ड लेबर और ट्रैफिकिंग रोकने के लिए बनायें ‘प्लान ऑफ एक्शन’
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को बच्चों के अधिकार व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों को लागू करने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि झारखंड में बच्चों की ट्रैफिकिंग व बाल श्रम एक गंभीर समस्या है. इस समस्या को समाप्त करने के लिए गंभीरता से कार्रवाई करने...
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