नई दिल्ली। सरकार न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी और इसे पूरे देश में अनिवार्य बनाएगी। इसका मकसद वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना और नई नौकरियां पैदा करना है। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उद्योग संगठन सीआईआई की ओर से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा, "हम देशभर में न्यूनतम मजदूरी के लिए एक कानून बनाएंगे। मौजूदा कानून के विपरीत...
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अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा खतरा है भीतर से
वाशिंगटन। भारत ने चीन में सुस्ती के बावजूद ग्लोबल अर्थव्यवस्था में स्थिति मजबूत की। लेकिन, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा देश के भीतर से पैदा हो सकता है। एक मशहूर इंवेस्टमेंट रणनीतिकार ने ऐसी आशंका जताई है। चार्ल्स श्वाब के चीफ ग्लोबल इंवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट व सीनियर वाइस प्रेसीडेंट जेफरी क्लेनटॉप का कहना है कि भारत में बहुदलीय व्यवस्था है। यदि सत्तारूढ़ दल से आगे सत्ता जाती है तो...
More »जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी
पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...
More »महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
More »गरीब की थाली से गायब होती दाल-- अश्विनी महाजन
अभी महंगे प्याज से त्रस्त जनता को आंशिक राहत मिलने लगी थी कि पिछले लगभग दो महीने से दाल, खासकर अरहर और मूंग की दालों के भाव आसमान छू रहे हैं। बाजार में अरहर की दाल 187-210 रुपये और उड़द की दाल 195 रुपये प्रति किलो बिक रही है। दालों के भाव पिछले कुछ वर्षों से ऊंचे बने हुए हैं और यह आम जन की पहुंच से बाहर होती जा...
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