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दालों के बढ़ते दाम के बीच पढ़‍िए भारत में दलहन फसलों की उपेक्षा की पूरी कहानी

किसान तक , 17 अगस्त इसमें कोई शक नहीं क‍ि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक है. लेक‍िन, इसमें भी कोई शक नहीं है क‍ि हम बड़े दाल आयातक भी हैं. सवाल यह है क‍ि ऐसा विरोधाभास क्यों? जवाब यह है क‍ि बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के ल‍िए दलहन फसलों की ज‍ितनी खेती होनी चाह‍िए थी, उस गत‍ि से रफ्तार नहीं बढ़ी. आजादी के बाद से ही...

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और महंगी होगी खेतीबाड़ी: खरपतवार नाशक दवाइयों पर नहीं मिलेगा अनुदान, चुकानी होगी पूरी कीमत

अमर उजाला, 28 जून  प्रदेश सरकार ने किसानों को खरपतवार नाशक दवाइयों पर मिलनी वाले अनुदान को बंद कर दिया है। अब किसानों को पूरी कीमत पर ही खरपतवार नाशक दवाइयां खरीदनी पड़ेंगी। इससे आने वाले समय में खेतीबाड़ी करना और अधिक महंगी साबित होने वाली है। अनुदान के लिए बजट न मिलने का तर्क देकर कृषि विभाग ने दोटूक कह दिया है कि जब सरकार की ओर से बजट उपलब्ध...

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WPI और CPI सहित महँगाई से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानिए विस्तार से

संबंधित प्राधिकरण जब भी महँगाई से जुड़े आँकड़े जारी करता है, समाचार माध्यमों की सुर्खियाँ इन्हीं आँकड़ों से लद जाती है। हाल ही में आर्थिक सलाहकार के ऑफिस ने थोक मूल्य सूचकांक के आँकड़े जारी किए थे; जिसमें मई (2023) महीने में महँगाई को नकारात्मक दर से बढ़ते हुए दर्शाया है। ये नकारात्मक (माइनस) आँकड़ों में महँगाई किस तरह से आती है? महँगाई का आकलन कैसे किया जाता है? महँगाई...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

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