नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की सांठगांठ ने देश के बैंकिंग सेक्टर को कितना बड़ा झटका दिया है, इसे समझने के लिए आप बस एक आंकड़े पर ध्यान दीजिए। अभी तक आधिकारिक तौर पर जो बताया गया है कि उसके मुताबिक इन दो लोगों ने पीएनबी को 12,700 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में देश के सारे बैंकों...
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क्या बैंक निजीकरण सही हल है?
भारत जैसे विशाल देश में 136 करोड़ लोगों के विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बनी सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में सरकारी बैंक प्रमुख भूमिका निभाते हैं. यदि ये न हों, तो विशालकाय केंद्रीय योजनाएं जैसे कि जन-धन योजना, मुद्रा योजना आदि कभी लागू ही न हो सकें. इन्हीं से ही व्यापक सामाजिक उत्थान का स्वप्न देखने में सरकार को एक ठोस धरातल मिलता है. यूनाईटेड बैंक आॅफ...
More »भरोसा बरकरार रखने की चुनौती - प्रदीप सिंह
पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले ने सरकारी बैंकों, बैंकों का ऑडिट करने वाली संस्थाओं और बैंकों के कामकाज पर निगरानी रखने वाले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की क्षमता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इससे यह भी साबित हुआ है कि सरकारी बैंकों में नियुक्त होने वाले निदेशक और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि सहित सब या तो गाफिल थे या शरीके जुर्म। वजह कुछ भी हो, वास्तविकता यही है कि...
More »2011 से 2017 के बीच हुए कुछ बड़े बैंक घोटाले
देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों में उद्योग लगाने या कारोबार के लिए कर्ज लेकर पचा डालने की परिपाटी बीते पांच साल में तेजी से बढ़ी है। पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा रकम लेकर लोगों ने नहीं चुकाई और कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल समेत कई जगह इस मामले में मुकदमे भी दायर किए गए हैं। अधिकांश मुकदमे कंपनी की दयनीय हालत के मद्देनजर कर्ज माफी या दिवालिया घोषित करने को लेकर हैं।...
More »पिछले 11 सालों में सरकारी बैंकों पर सरकार ने खर्च किए 2.6 लाख करोड़
नई दिल्ली। हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) को 11 हजार करोड़ से ज्यादा का चूना लगाने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक पिछले 11 साल में केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों की हालत सुधारने के लिए मोटी राशि लगाई है। आंकड़ा छोटा मोटा नहीं बल्कि पूरे 2.6 लाख करोड़ का है, जो सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों...
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