किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के लिए केंद्र सरकार के तंत्र के अभाव में शराबबंदी लागू करना अत्यंत कठिन कार्य है. मद्य निषेध को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से उसको अमल में लाना आसान हो जाता है, क्योंकि उसका तरीका भिन्न होता है. राज्य स्तर पर इसके लिए सिर्फ राज्य की कमजोर मशीनरी के जरिये ही नहीं निपटना होता है, बल्कि वैसे पड़ोसी राज्यों की सीमाओं से भी निपटना...
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काले धन के खिलाफ लंबी है लड़ाई - संजय कपूर
पिछले दिनों जब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह घोषणा कर रहे थे कि सरकार की आय घोषणा योजना-2016 (आईडीएस-16) के तहत देशभर में 65,250 करोड़ रुपए का खुलासा हुआ, तो वहां मौजूद मीडियाकर्मियों के अलावा इसे लाइव देख रहे लोगों के चेहरे पर हैरानी काभाव साफ नजर आया। 4 महीने की इस एमनेस्टी स्कीम के तहत देशभर में उन लोगों ने अपनी अघोषित आय...
More »सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर
स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...
More »सरकार और जनता के बीच दूरी-- पी चिदंबरम
ब्रिटेन की जनता ने यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया है। यह कहना ज्यादा सही है कि एक बंटे हुए देश के बंटे हुए मतदाताओं ने, चार फीसद से भी कम के बहुमत से, उस संघ से अलग होने के पक्ष में वोट दिया, जिसमें वे तैंतालीस साल पहले शामिल हुए थे। स्काटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और लंदन विभाजन-रेखा के एक तरफ थे, जबकि इंग्लैंड तथा वेल्स दूसरी तरफ।...
More »ब्रेक्जिट से बढ़ी दुनिया की बेचैनी - महेंद्र वेद
ब्रिटेन के लोगों ने आखिरकार 'ब्रेक्जिट" (ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने) का विकल्प ही चुना। लेकिन क्या यह अजीब नहीं लगता कि एक ऐसा देश, जिसने कभी तकरीबन आधी दुनिया को अपना उपनिवेश बनाकर उसका शोषण करते हुए अपने साम्राज्य को समृद्ध व शक्तिशाली बनाया था, आज उसने कायरतापूर्ण ढंग से यूरोप से अलग होने का फैसला किया? क्या यह भी एक विडंबना नहीं है कि एक ऐसा...
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