बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के नारे वाले भारत में अनुमान लगाइए कि सिर्फ लैंगिक भेदभाव के कारण सालाना कितनी बच्चियों की जान जाती है ? सिर्फ लड़की होने के कारण जिनसे बड़े चुप्पे ढंग से जिंदगी छीन ली जाती है उनकी तादाद हजार-दस हजार तक सीमित नहीं बल्कि ये आंकड़ा आगे बढ़कर लाखों तक पहुंचता है. प्रतिष्ठित जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक भारत में हर साल लैंगिक भेदभाव के कारण...
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बंगाल में लोकतंत्र का मखौल-- प्रसेनजीत बोस
पश्चिम बंगाल का मौजूदा पंचायत चुनाव पूरी तरह से लोकतंत्र के साथ घटिया मजाक है. फिलहाल राज्य में पंचायत के पदों की संख्या करीब 48 हजार है. साल 1978 से हर पांच वर्ष पर राज्य में पंचायत के चुनाव हो रहे हैं. उस समय से दो बार- 2003 में वाम मोर्चे की सरकार और 2013 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार के तहत- सबसे ज्यादा निर्विरोध उम्मीदवार चुने गये थे....
More »उत्तर भारत में आंधी-तूफान: अब तक 89 की मौत, बढ़ सकता है आंकड़ा
लखनऊ/जयपुर/कोलकाता/रांची : बुधवार की देर शाम आयी आंधी और बारिश ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जमकर तबाही मचायी है. जहां जबर्दस्त आंधी की चपेट में आकर राजस्थान में 24 लोगों की मौत हुई, वहीं उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है. आगरा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अभी तक केवल आगरा में ही 36 लोगों की...
More »नये बिहार की चुनौतियां!-- केसी त्यागी
हार उपचुनाव के नतीजे और रामनवमी के बाद के घटनाक्रमों को लेकर मीडिया के एक तबके के साथ कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा बिहार सरकार की आलोचना सुर्खियों में रहीं. इस क्रम में स्थानीय शासन-प्रशासन की तथाकथित विफलता को भी खूब स्थान दिया गया, जिसमें राज्य के कुछ जिलों में हुई सांप्रदायिक झड़पों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुशासन व्यवस्था पर भी सवाल उठाये गये. किसी भी शासनाध्यक्ष के लिए ऐसी...
More »एक साल में 38 हजार बच्चे 28 दिन भी नहीं जी पाते, 5 साल में इतना बढ़ गया शिशु मृत्यु दर
पटना : शिशु मृत्यु दर में अव्वल रहने वाले बिहार में बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है. नीति आयोग और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य की दयनीय स्थिति बताती है. बच्चों की मृत्यु दर कम नहीं हो पा रही. यही वजह है कि प्रदेश में एक साल में 38 हजार बच्चों की मौत हो रही है. 5 साल में...
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