लखनऊ, जागरण ब्यूरो : सरकार के गन्ने के समर्थन मूल्य में 40 रुपए की रिकार्ड बढ़ोत्तारी करने के अलावा खुले बाजार में चीनी मूल्य की स्थिरता ने मिल मालिकों का जायका बिगाड़ दिया है। उहापोह में फंसा प्रबंधन मिल चलाने से कतरा रहा है और नुकसान गन्ना किसानों को झेलना पड़ रहा है। गत वर्ष गन्ना किसानों को अपनी मर्जी से 260-80 रुपए प्रति कुंतल तक भुगतान देना मिल मालिकों के...
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यूपी में गन्ने के एसएपी में 40रुपये की रिकॉर्ड बढ़त
चालू पेराई सत्र (2010-11) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) में 40 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी है। इसके चलते राज्य में अगैती प्रजाति के लिए गन्ने का एसएपी 210 रुपये, सामान्य प्रजाति के लिए 205 रुपये और अनुपयुक्त प्रजाति के लएि 200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। गन्ने के मूल्य में किसी भी राज्य या केंद्र सरकार ने यह अभी...
More »गन्ना मूल्य के निर्धारण को लेकर किसान इस बार पसोपेश में
नई दिल्ली | केंद्र सरकार के घोषित एफआरपी के बाद राज्यों के एसएपी तय किए जाने पर संदेह है। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य एसएपी घोषित करने को लेकर मौन साधे हुए हैं। इस स्थिति में यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि गन्ना इस बार किस मूल्य पर बिकेगा। भारी बारिश और बाढ़ के चलते उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल को हुए नुकसान से किसान पहले ही...
More »सरकार के हाथों में भी गंगा प्रदूषण की कालिख
कानपुर, संवाददाता : गंगा को प्रदूषित करने में सरकारी व्यवस्था भी बराबर की भागीदार है। नगर निगम ने जब कॉमन क्रोम रिकवरी प्लांट में आज तक ड्रम ड्रायर ही नहीं लगाये हैं तो भला टेनरियों द्वारा चर्म शोधन में इस्तेमाल किये गये क्रोमियम युक्त पानी से दोबारा क्रोम कैसे निकलेगा। यही वजह है कि टेनरी संचालक अपना क्रोमियम युक्त दूषित उत्प्रवाह प्लांट को न देकर नालों व नालियों में बहा...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
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