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वन्यजीवों के लिए उजड़ेंगी बस्तियां

शिमला। हिमाचल के अभयारण्यों में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण बस्तियां हटाने का फैसला किया है। वन विभाग ने अभयारण्यों में बसे 767 गांवों की पहचान की है, जहां से करीब सवा लाख ग्रामीण हटाए जाएंगे। ग्रामीणों के पुनर्वास की योजना पर काम चल रहा है। सरकार ने केंद्र को तीन महीने पहले इस बारे में प्रस्ताव भेजा था। अभी केंद्र की अनुमति का इंतजार है।...

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बफर जोन बनाएं, कॉरिडोर बचाएं

बाघ बचाने के तमाम उपायों और कार्ययोजनाओं में से एक महत्वपूर्ण उपाय है राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों एवं संरक्षित वनों के बाहर के क्षेत्र का संरक्षण। दुर्भाग्य से देश भर में यह नहीं हो रहा है। यहां सीधे-सीधे बाघ के वजूद और आदमी के स्वार्थों का टकराव है। राजनेता, खनन माफिया और अन्य स्वार्थी-लोभी तत्व ऐसे उपायों का विरोध करते हैं। बाघ की सुरक्षा के लिए बफर क्षेत्र उपयोगी है इसलिए टाइगर रिजर्व...

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समृद्ध वन्यजीवन वाले उत्तर प्रदेश के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान की सांस फूल रही है. हिमांशु बाजपे??

उम्मीदों का उजास और निराशा की स्याही दुधवा नेशनल पार्क के दो छोर हैं. इनके बीच में  ज़िंदगी के जितने रंग हैं, वे सब देखने को मिलते हैं. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में स्थित दुधवा की सैर करते हुए जल्दी ही अहसास हो जाता है कि पार्क में सब कुछ उतना ठीक नहीं है जितना पहली नजर में लगता है. हरे-भरे दुधवा के वन्य जीवन  को पेड़ों की अंधाधुंध कटाई...

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अभ्यारण्यों से दूर बसाए जाएंगे गांव

नई दिल्ली। बाघ अभयारण्यों के करीब बसे गांवों को दूर बसाने के काम में खामियों का पता लगाने और प्रक्रिया में तेजी लाने के मकसद से केंद्र सरकार ने पांच समितियों का गठन किया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हाल में गांवों को बाघ वाले क्षेत्र से दूर बसाने के काम में तेजी लाने की अपील राज्यों से की थी। समितियों में वन्यजीव विशेषज्ञ और संरक्षक होंगे। उनसे बाघ अभ्यारण्यों से लोगों को अन्यत्र बसाने...

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जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे

एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...

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