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कमजोर वर्ग के छात्रों को मुफ्त पुस्तक देने संबंधी याचिका पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा

नयी दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग : ईडब्ल्यूएस : के छात्रों को मुफ्त पुस्तकें और यूनीफार्म उलब्ध नहीं कराये जाने का आरोप लगाते हुये दायर याचिका पर आज दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया। याचिका में कहा गया है कि निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के रवैये से शिक्षा के अधिकार कानून के प्रावधानों का उल्लघंन होता...

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खाद्य सुरक्षा बिल- कुछ बुनियादी बातें

संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...

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केंद्र सरकार का [अनु] दान खाता

नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। केंद्र सरकार ने अपने खर्च के नए तरीके से घोटालों को सुविधाजनक कर दिया है। विकास के मदों में सरकार का करीब 79 फीसद खर्च अब अनुदानों के जरिये होता है। अनुदानों के इस्तेमाल को जानने का सरकार के पास कोई भरोसेमंद तरीका नहीं है। इसलिए करदाताओं और कर्ज से मिले इस सरकारी पैसे की लूट सहज हो गई है। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट में...

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बाल मजदूरों ले जा रही दो महिला गिरफ्तार

गया, निज प्रतिनिधि : रविवार को कोतवाली थाना के अनि राम रतन ठाकुर ने पहसी मोहल्ले के एक तालाब के पास से बाल मजदूरों को मजदूरी कराने को ले जा रहे दो महिला दलाल को रंगेहाथ गिरफ्तार कर बच्चों को उसके हाथों से मुक्त कराया है। गिरफ्तार महिला धनममिया देवी एवं सविता देवी बेलागंज थाना क्षेत्र के भिखाचक गांव की रहने वाली है। जबकि मुक्त कराए बाल मजदूर रंजीत कुमार , पिता अखिलेश...

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जाति की दीवारों से घिरे लोग - ज्यां द्रेज

एक बार मैं रीवा जिले की एक दलित बस्ती में गया। बस्ती की चारों तरफ ऊंची जाति के किसानों के खेत थे और इन किसानों ने बस्ती तक जाने के लिए कोई रास्ता देने से इनकार कर दिया था। बस्ती के अंदर छोटी-छोटी सड़कें थीं, लेकिन ये सड़कें बस्ती के आखिरी छोर पर आकर अचानक खत्म हो जाती थीं। वह बस्ती उस टापू की तरह लग रही थी, जो चारों...

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