भागलपुर। साहब! यहां के बुनकर मुसीबत में हैं। उन्हें बचा लीजिए। काम नहीं मिलने के कारण कुछ बुनकर पलायन कर गए हैं। करीब 40 वर्षों से बिजली संकट झेल रहे हैं। यह आपबीती बुनकरों की है। जो उनके द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनाई गई। रविवार को नाथनगर स्थित सीटीएस कर्णगढ़ के सभागार में आयोजित बुनकर पंचायत में बुनकरों ने एक-एक कर अपनी व्यथा सूबे के मुखिया को सुनाई। इरशाद अंसारी ने भावनात्मक...
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अंधेरे में ज्ञान का जुगनू
राजस्थान के इस गांव में नाम भर को पढ़ा लिखा एक चरवाहा, बिना किसी सरकारी या दूसरे सहयोग के रात के अंधेरे में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है. हरडी गांव अजमेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आसपास के तमाम दूसरे गांवों की तरह ही हरडी भी बिजली, पानी, सड़क जैसे विकास के न्यूनतम प्रतिमानो से वंचित है. गड़रिया जाति बाहुल्य इस गांव के 12 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य...
More »डुबकी लगाने लायक भी नहीं है गंगा
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। तारने वाली गंगा के पानी के मारक होने पर बहस हो सकती है मगर एक बात तय है कि अब गंगाजल आचमन तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है। भागीरथी के दामन से प्रदूषण के दाग धोने पर अरबों रुपया बहाने के बावजूद सरकार के तथ्य बताते हैं कि कि गंगोत्री से लेकर डायमंड हार्बर के बीच अधिकतर स्थानों पर गंगा जल से दूर ही रहने में भलाई है। ...
More »नरेगा में भ्रष्टाचार रोकेंगे : सीएम
नरेन्द्र शर्मा,जयपुर : राज्य सरकार बिजली की तर्ज पर अब प्रदेश में वॉटर रिर्फोमस लागू क रने पर विचार कर रही है। यह कदम पानी की बर्बादी को रोकने के लिए होगा। पानी के उपयोग के लिए स्प्रींकलर सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा। बायोमास से उर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीति तैयार करने के साथ ही सरकार ने किसानों के लिए बिजली की दरें आगामी पांच साल तक नहीं बढ़ाने का निर्णय किया...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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