अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
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पूर्ण साक्षरता का सपना -- रिजवान निजामुद्दीन अंसारी
कई देशों ने बीसवीं सदी में ही संपूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को पा लिया और अपने समाज में शिक्षा के औसत स्तर को भी ऊपर उठाया। लेकिन भारत अब भी पूर्ण साक्षर नहीं हो सका है। एक तरफ हम ज्ञान आधारित समाज और डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, लेकिन इस कड़वी सच्चाई को नजरअंदाज कर जाते हैं कि साक्षरता और शिक्षा के लिहाज से हमारे समाज की तस्वीर कैसी...
More »मुसलिम महिलाओं के अधिकार-- रशीद किदवई
त्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अगर वास्तव में मुसलिम महिलाओं को उनके हक के लिए अपनी लड़ाई छेड़े हुए है और उनको उनका हक दिलाना चाहती है, तो राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कृषि भूमि में भी इन महिलाओं को उत्तराधिकारी बनाये जाने की वकालत करनी पड़ेगी. न सिर्फ वकालत, बल्कि इसके लिए पहले से बने कानून को भी उन्हें सख्ती से लागू करना होगा. इसके साथ ही नये...
More »सरकार पहले जेनेरिक दवा की सूची दे, उसके बाद ब्रांडेड दवा लिखने पर होगी बात
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा डॉक्टरों को जेनेरिक (सामान्य) दवा लिखने के आदेश के बाद से खलबली मची हुई है। डॉक्टरों के प्रतिनिधि संगठन आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने सरकार से कहा है कि पहले जेनेरिक दवा की सूची दी जाए, इसके बाद जेनेरिक या ब्रांडेड (महंगी) दवा लिखने पर बात होगी। निर्धारित दवा लिखने के लिए डॉक्टरों को बाध्य नहीं किया जा सकता। इधर, दवा...
More »परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग-- पंकज चतुर्वेदी
अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
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