जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने नियामगिरी के निर्णय को काफी अहम बताया है. उन्होंने कहा कि यह मानकर चलना कि दिल्ली में बैठकर कुछ अधिकारियों द्वारा या कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा गांव के लोगों के विकास के लिए लिया गया फैसला बिल्कुल सही है, और ग्रामसभा जो कि अपने गांव के विकास के लिए इन फैसलो का विरोध करती है, वह गलत है, एक तरह से उनकी समझ पर सवाल...
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पिछड़े राज्य का दर्जा पाएंगे यूपी-बिहार
नई दिल्ली [नितिन प्रधान/जयप्रकाश रंजन]। पिछड़े राज्यों की नई परिभाषा गढ़ कर केंद्र सरकार ने एक नया राजनीतिक दांव चलने का मन बना लिया है। बहुत संभव है कि अगले कुछ हफ्तों के भीतर जब पिछड़े सूबों की नई परिभाषा तय की जाए तो उसमें बिहार केसाथ ही उत्तर प्रदेश तथा कुछ अन्य बड़े राज्य भी शामिल हो जाएं। पिछड़े राज्यों की नई परिभाषा तय करने के लिए गठित समिति ने शनिवार...
More »ईमानदार और गरीबों के हमदर्द के रूप में जाने जाते हैं जस्टिस आरए मेहता
नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट में 14 वर्षो तक अपनी सेवाएं देने के बाद पद से रिटायर हुए जस्टिस आरए मेहता राज्य के लोकायुक्त पद को अस्वीकार कर देने के बाद से सुर्खियों में हैं। उनकी छवि एक ईमानदार और गरीबों के हमदर्द के रूप में है। गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीबाल ने अगस्त 2011 में जस्टिस आरए मेहता को राज्य का लोकायुक्त नियुक्त किया था। लेकिन इसके बाद हुई खींचतान...
More »बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी : डॉ शैबाल
पटना: बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी है. अंगरेजी हुकूमत व आजादी के बाद भी बिहार को उचित हक नहीं मिला. देश की आर्थिक नीति ऐसी बनी कि महाराष्ट्र, गुजरात व तमिलनाडु जैसे विकसित राज्य और विकसित होते गये और बिहार लगातार पिछड़ता गया. अभी केंद्र सरकार से हक मांगने का अनुकूल समय है. ये बातें आद्री के सदस्य सचिव व पिछड़े राज्यों के मानक तय...
More »लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे
रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
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