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गोदाम अनाज से भरे फिर भी भूख से मौतें क्यों?: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. देश में भूख से मौतों के बढ़ते मामलों से सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। उसने केंद्र से पूछा है कि जब अनाज के गोदाम लबालब भरे हैं। बंपर फसल भी हुई है। फिर भी देश में भुखमरी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने गरीबी की रेखा से नीचे के लोगों (बीपीएल)की संख्या हर राज्य में केवल 36 फीसदी मानने पर भी योजना आयोग को कड़ी फटकार लगाई।...

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172 पंचायतों को मिलेगा निर्मल ग्राम पुरस्कार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 172 ग्राम पंचायतों का निर्मल ग्राम पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। राज्य में पिछले चार सालों में 521 ग्राम पंचायतों को यह पुरस्कार मिल चुका है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि पिछले चार सालों में छत्तीसगढ़ की कुल 521 ग्राम पंचायतों को निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भारत शासन ने वर्ष 2009-10 के लिए भी प्रदेश की 172 ग्राम पंचायतों का निर्मल ग्राम...

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100 नहीं, 32 दिन मिलता है काम- ए. जयजीत

भोपाल. क्या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) वास्तव में 100 दिन की रोजगार गारंटी सुनिश्चित करता है? कम से कम प्रदेश में तो बिल्कुल नहीं। यह खुलासा राज्य योजना आयोग के एक ताजा अध्ययन से हुआ है। इस अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में केवल एक फीसदी परिवारों को ही पूरे 100 दिन का रोजगार नसीब हो पाया है। औसतन देखें तो एक साल में एक परिवार को 32 दिन...

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राजस्थान बजट 2011: रोटी-कपड़ा सस्‍ता, पर मकान बनाना महंगा

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्रालय का काम देख रहे अशोक गहलोत ने बुधवार को जैसे ही पढ़ना शुरू किया तो इसके साथ ही यह तय हो गया कि इस बार बजट पिछड़ों, गरीब तबकों, अल्पसंख्यकों के लिए काफी कुछ लेकर आया है।  हालांकि इन योजनाओं का असर प्रदेश पर कितना होगा, यह आंकड़ें और योजनाओं का आकार तय नहीं कर सकता। लेकिन ये तय है कि शिक्षा, पानी और ऊर्जा प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं...

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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

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