मोदी सरकार कोई दो साल से सत्ता में है और अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर अग्रसर करने की उसकी प्रतिबद्धता पर संदेह नहीं किया जा सकता। कारोबारी वर्ग ने भी सरकार के सुधारवादी कदमों को सराहा है। लेकिन अब जरूरत इस बात की है कि हम यह आकलन करें कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न् कदमों से हमें कितना लाभ हुआ है। यह सच है कि अर्थव्यवस्था में निरंतरता...
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किसानों के मन का बजट-- के सी त्यागी
बजट का इंतजार सबको है। खासकर ग्रामीण और कृषक वर्गों में इसकी बेसब्री ज्यादा है। उनके लिए यह बजट ‘रक्षक' या ‘भक्षक' की भूमिका निभाने वाला होगा, क्योंकि पिछले दो बजट में किसानों के लिए कुछ खास नहीं था। आम चुनाव के दौरान किए गए वादों ने उनमें खासा उत्साह भरा था, लेकिन धरातल अनछुआ रह गया। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने की...
More »सरकार की पहल, 45 प्रतिशत जुर्माना भरकर घोषित करें ‘ब्लैकमनी’
नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज देश के ब्लैक मनी होल्डर्स को इस बात की सुविधा दी है कि वे अपने पैसे को व्हाइट मनी में तब्दील कर सकते हैं. बस इसके लिए उन्हें टैक्स का भुगतान करना होगा और 45 प्रतिशत जुर्माना भी भरना होगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज बजट पेश करते समय कहा कि मैं देश के लोगों को मौका देना चाहता हूं कि वे...
More »आर्थिक कमजोर वर्ग के लिए 3 घोषणाएं : फसल बीमा, LPG और स्वास्थ्य बीमा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2016-17 की घोषणा करते हुए सबसे पहले देश की अर्थव्यवस्था का जिक्र किया उसके फौरन बाद उन्होंने कमजोर वर्गों के लिए तीन स्कीम का जिक्र किया। इसमें से एक योजना पीएम फसल बीमा योजना का शुभारंभा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। 5500 करोड़ इसके लिए बजट में दिया गया है। इसके अलावा दो अन्य योजनाएं बीपीएल परिवारों को रसोई गैस और...
More »अच्छे दिनों की सतर्क उम्मीद-- कन्हैया सिंह
चालू वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि आर्थिक मोर्चे पर सरकार इस बार काफी सतर्कता बरत रही है। खासकर वर्तमान के आकलन और भविष्य के लक्ष्य तय करने के मामले में। बड़ी-बड़ी उम्मीदें बांधने की बजाय उसने व्यावहारिक रवैया अपनाया है। मसलन, अगले वित्त वर्ष की विकास दर को ही लें। सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगले साल जीडीपी की विकास दर सात से साढ़े सात फीसदी के...
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