झारखंड बने 13 साल से अधिक हो चुके हैं, पर यह आज भी अति पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है. किसी भी राज्य के विकास में केंद्रीय सहायता का विशेष योगदान होता है. झारखंड में केंद्रीय सहायता की अपर्याप्त मात्र की वजह से आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को गति नहीं मिल पायी. झारखंड के निर्माण के समय भी राज्य में आधारभूत संरचनाओं की अत्यधिक कमी थी. साथ ही राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य,...
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छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न- रोहित जोशी
जनसत्ता 25 फरवरी, 2014 : भारत में राज्यों के पुनर्गठन का प्रश्न नया नहीं है। यह लगातार यक्ष प्रश्न बना रहा है कि आखिर इतने विविधतापूर्ण देश में राज्यों के पुनर्गठन का एक सर्व-स्वीकार्य और जायज तार्किक आधार क्या हो? साथ ही पृथक तेलंगाना का यह विवाद भी नया नहीं है और जितना हो-हल्ला इस मसले पर हमने पिछले दिनों में देखा उसकी एक लंबी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। 1956 में संसद...
More »देश ने 1.92 अरब डॉलर का यूरिया किया आयात
80.4 लाख टन यूरिया का आयात हुआ था वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान 67.9 लाख टन यूरिया का आयात हुआ है चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह में भारत ने अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष के पहले दस माह (अप्रैल से जनवरी) में 67.9 लाख टन यूरिया, जिसकी कीमत 1.92 अरब डॉलर है, का आयात किया...
More »दुनिया का सबसे बड़ा फ्री वाई-फाई नेटवर्क पटना में
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बिहार 19 फरवरी से चार नई सेवाओं से जुड़ गया। प्रदेश के लोगों को स्टेट सर्विस डिलिवरी गेटवे (एसएसडीजी) की सेवाएं मिलने लगी। एक ही पोर्टल पर सूबे की जनता सरकार की सभी योजनाओं का लाभ ले सकेगी। इतना ही नहीं विश्व के सबसे लंबे वाइफाइ रेंज का डेमास्ट्रेशन भी होगा। डिमांस्ट्रेशन से एक माह के अंदर दानापुर से लेकर गांधी मैदान होते हुए एग्जीविशन...
More »गुजरात मॉडल की असलियत- कृष्ण स्वरुप आनंदी
जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...
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