मोंगाबे हिंदी, 20 नवम्बर इंवर्टर बल्ब, यानी बिजली जाने के बाद भी यह बल्ब तीन-चार घंटे तक रोशनी दे सकती है। सविता कुमारी की छोटी सी दुकान पर बिजली के दर्जनों उपकरणों में से एक इस बल्ब की एक और खासियत है। इसे सविता ने अपने कस्बे में ही बनाया है। बिहार के गया जिले में स्थित एक छोटे से कस्बे डोभी में रहने वाली सविता कुमारी सौर ऊर्जा आधारित एक...
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बीज बाजार पर निजी कंपनियों का कब्जा, मुसीबत में किसान
डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर दलजीत सिंह अपने साढ़े तीन एकड़ के खेतों में धान लगाते हैं। इन खेतों से हर साल लगभग 100 क्विंटल धान पैदा होता है, लेकिन साल 2022 में केवल 19 क्विंटल ही धान निकला। बाकी धान बौना रह गया या सिकुड़ गया। उन्हें आज तक इसका कारण पता नहीं चल पाया। प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सिर्फ इतना बताया कि फिजी वायरस की वजह से बीमारी लग...
More »पश्चिम बंगाल के कोयला खदान के पास रहने वालों का अभी तक पुनर्वास नहीं
मोंगाबे हिंदी, 27 अक्टूबर जैसे ही आप पश्चिम बंगाल के इस गांव की चौड़ी और टूटी-फूटी हुई सड़क पर चलते हैं, यह साफ हो जाता है कि यहां कुछ विनाशकारी हुआ है। चारों ओर टूटे-फूटे मकान हैं। इन्हीं में से एक घर तपन पाल का है। उनके घर की दो मंजिला इमारत का एक हिस्सा जुलाई 2020 की रात में भरभराकर गिर गया था। इसकी ईंटें यहां-वहां बिखरी पड़ी हैं। आगे चलने...
More »हरियाणा: बाढ़ व सूखा देख बीमा कंपनियों ने बीमा से किया इंकार, सरकार पर उठे सवाल
डाउन टू अर्थ, 19 सितम्बर बीमा कपंनी ने हरियाणा के सात जिलों के किसानों की फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा करने से अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसकी वजह इन जिलों में बाढ़ व सूखे की स्थिति बनी है। अब जब खरीफ की फसल तैयार होने को है तो किसानों को इस बात का पता चला कि उनके बैंक खाते से राशि काटे जाने के बाद...
More »कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें
क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ? इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...
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