भारत के आजाद होने के दो साल बाद ही पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना बना था। 50 और 60 के दशक में भारत जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय में चीन से लगातार आगे रहा, लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था दो ट्रिलियन डॉलर की है और चीन की नौ ट्रिलियन डॉलर की। देखते ही देखते शंघाई दुनिया के सबसे वैभवशाली समृद्ध शहरों में गिना जाने लगा। चीन ने 1981 से 2013...
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निम्न दर्जे पर पहुंचती उच्च शिक्षा - फिरोज वरुण गांधी
उन्नीसवीं सदी के लगभग मध्य में स्थापित कलकत्ता विश्वविद्यालय और उसके उत्तरार्ध के इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने देश को नोबेल विजेता और प्रधानमंत्री दिया है। मगर अब इनकी गिनती विश्व रैंकिंग में पहले 400 विश्वविद्यालयों में भी नहीं होती। यहां तक कि ब्रिक्स देशों के शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों में हमारी एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है। दरअसल, हमारे विश्वविद्यालय ‘उच्च शिक्षा के नगरपालिका स्कूल' में तब्दील हो गए हैं। दूसरी तरफ, अधिकतर...
More »सौ नए संस्थानों में तैयार होंगे योग्य शिक्षक- मदन जैड़ा
केंद्र सरकार ने पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन के तहत योग्य शिक्षक तैयार करने की योजना तैयार की है। इसके तहत, देश में करीब सौ उच्च स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना होगी। साथ ही शिक्षकों के लिए नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। हालांकि, सरकार ने पिछले बजट में इस मिशन को शुरू करने की घोषणा की थी। इसके लिए पांच सौ करोड़ का प्रावधान भी रखा था,...
More »भूकंप के खतरे पर अब तो संभल जाएं - डॉ. पृथ्वीश नाग
अनवरत चलने वाली प्राकृतिक सामंजस्य की एक प्रक्रिया के परिणामस्वरूप उत्पन्न् भयावह और विनाशकारी भूकंप पर पूर्ण नियंत्रण असंभव है। बचाव के उपाय ही हमारे पास एकमात्र विकल्प हैं। पिछली सदी के दौरान भारत तथा आसपास के देशों से जुड़े क्षेत्रों में 5.0 गहनता के भूकंपों की एक पूरी श्र्ाृंखला बताती है कि भारत, नेपाल और यह पूरा इलाका भूकंपीय क्षेत्र है। नेपाल में आए बड़े भूकंप के जबर्दस्त कंपन...
More »धान की देशी किस्मों के सुधार में गामा किरणे कारगर
रायपुर (छत्तीसगढ़)। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिकों ने भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर (बार्क) मुंबई के सहयोग धान की देशी सुगंधित किस्में दुबराज और जवाफूल की नई किस्म विकसित की हैं। गामा किरणों के उपयोग से पारंपरिक देशी किस्मों में काफी सुधार हुआ है। इससे नई किस्मों की ऊंचाई पारंपरिक किस्मों से 40 सेंटीमीटर कम है। इसकी पकने की अवधि 35 से 40 दिन कम हैं और उत्पादन दोगुने से...
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