रायपुर राज्य में बिक्री के पहले हाईब्रिड बीजों की ट्रायल रिपोर्ट अनिवार्य करने के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में निजी कंपनियों की लाइन लग गई है। दर्जनों कंपनियों ने अपने बीजों की टेस्टिंग कराने की एक हजार से ज्यादा अर्जियां लगाई हैं। आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने नए सैंपल लेना ही बंद कर दिया है। धान के हाईब्रिड बीजों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कृषि विभाग ने...
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‘विकास होता तो आत्महत्या नहीं करते किसान’
हिसार. मंडी आदमपुर. आरएसएस के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि सरकार के विकास के सभी दावे खोखले हैं। यदि सही मायने में देश में विकास होता तो किसान आत्महत्या नहीं करते। आजादी के 60 साल बाद देश में भुखमरी नहीं होती। वे बुधवार शाम गांव काबरेल में श्रीकृष्ण गौशाला, गौ संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र के शिलान्यास के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान आज...
More »देश में नर्मदा का जल है सबसे साफ़,यमुना सबसे ज्यादा प्रदूषित
नई दिल्ली. आठ सौ मील की चमकती,नाचती,दौड़ती प्रवाह की सुंदरता से आनंद देने वाली नर्मदा का पानी सबसे ज्यादा साफ और पीने योग्य है। नर्मदा में देश की दस बड़ी नदियों के पानी की तुलना में सबसे कम बैक्टीरिया पाया गया है। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ताजा रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर हुआ है। दिल्ली की यमुना सबसे अधिक प्रदूषित है। नर्मदा के पानी की स्वच्छता की वजह है इसके...
More »छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी
जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....
More »बीड़ी पत्ते में धुआं-धुआं ज़िंदगी -- सारदा लहांगीर
“छो...छोको भूंजी लोक पतर तुड़ले लागसी भोक....” ( हम लोग गरीब भुंजिया आदिवासी, पत्ता तोड़ते हुए भूख लगती है ) नुआपाडा जिले के सीनापाली गांव में रहने वाली 55 वर्षीय पहनी मांझी को जंगल में तेदूपत्ता तोड़ते हुए जब भूख लगती है तो वो अपना ध्यान बंटाने के लिए यहीं उड़ीया लोकगीत गुनगुनाती हैं. तेंदूपत्ता अप्रैल और मई महीने की चिलचिलाती धूप में जब हम अपने वातानुकुलित कमरे में बैठे आराम फरमा...
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