पैंतालीस साल पहले अलकनंदा घाटी के ग्रामीणों ने जब जंगल से पेड़ काटकर ले जाने वालों को रोका, तो किसी ने सोचा न होगा कि यहीं से चिपको आंदोलन की नींव पड़ने जा रही है। एक ऐसा किसान आंदोलन, जिसने भारत में वनों के व्यावसायिक दोहन पर सबका ध्यान खींचा। चिपको आंदोलन का ही यह असर था कि वनाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी। गढ़चिरौली, बस्तर, सिंहभूम और पश्चिमी घाट सहित...
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यूपी, बिहार और झारखंड समेत नौ राज्यों के लिए नहीं बढ़ी मनरेगा की मजदूरी
काम ज्यादा- पैसा कम-- शायद, नये वित्तवर्ष में मनरेगा के मजदूरों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय का संदेश यही है.अगर बात अटपटी लगे तो इस तथ्य पर विचार कीजिए : पिछले साल के आखिर में खेती-बाड़ी के काम में मनरेगा के फायदे गिनाते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा वित्तवर्ष 2017-18 में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर अबतक मनरेगा की 71 फीसद राशि खर्च हुई है लेकिन नये वित्तवर्ष में...
More »गैर आदिवासियों को जमीन न बेच पाने के कानून से परेशान हो रहे आदिवासी
रायपुर। आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए बने कानून अब उनके लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। 1959 में भू-राजस्व संहिता लागू हुई तो प्रावधान किए गए कि आदिवासी की जमीन कोई गैर आदिवासी नहीं ले सकता। यह भी कानून बनाया गया कि अगर किसी आदिवासी के पास पांच एकड़ से कम भूमि है तो वह आदिवासी को भी अपनी भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति के नहीं बेच सकता। अब...
More »जीने के मौलिक अधिकार की रक्षा-- अनूप भटनागर
अनुसूचित जाति और जनजाति (उत्पीड़न से रोकथाम)कानून के तहत शिकायत होने पर तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को लचीला बनाने और जांच के बाद ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने संबंधी उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया उनके नजरिये को ही दर्शाती है। राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया को देखते हुए एक सवाल उठता है कि यदि बलात्कार और यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराने...
More »8% स्कूल ही करते हैं आरटीई कानून का पालन
नयी दिल्ली, 27 मार्च (एजेंसी) देश में आठ प्रतिशत स्कूल ही शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून का पालन करते हैं। इस मामाले में ‘आरटीई फोरम' ने एक अध्ययन का खुलासा किया। इसके अनुसार, भारत शिक्षा पर जीडीपी के तीन प्रतिशत से भी कम खर्च कर रहा है। भारत में करीब बीस प्रतिशत शिक्षक अप्रशिक्षित हैं। इस मामले में जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा, ‘मुझे...
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