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खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा

जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...

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जरूरतमंद गच्चे में, कई अमीर मजे में

4.11 जॉब कार्डधारियों में महज 11 हजार ने किया काम छपरा : गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करनेवाले लाखों परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने तथा भूमि की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा लगभग चार दर्जन योजनाएं चल रही हैं. हालांकि इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले परिवारों को ही मिलना है. परंतु, बीपीएल...

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भले ही बन जाए कानून, फिर भी दो करोड़ को नहीं मिलेगी रोटी!

भोपाल. लोकसभा में बीते सप्ताह पेश राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक गरीबों के लिए रोटी सुनिश्चित कर सकेगा, इसमें संदेह है। इसके पारित होने और कानून बनने के बाद भी प्रदेश के कम से कम 28 फीसदी जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। यानी करीब दो करोड़ लोगों को रोटी नसीब नहीं हो पाएगी। गरीबी के आंकड़ों के लिए एन्साइक्लोपीडिया मानी जाने वाली अर्जुन सेन गुप्ता समिति की रिपोर्ट के मुताबिक देश...

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पहले था कुख्यात नक्सली, अब भिक्षा मांग चला रहा स्कूल

गया. यूं तो आपने कई तरह के विद्यालय देखे होंगे लेकिन बिहार के गया जिले के नक्सल प्रभावित कहे जाने वाले इलाके में एक ऐसा विद्यालय चल रहा है जिसे एक पूर्व नक्सली चला रहा है। खास बात यह है कि यह नक्सली भिक्षाटन कर यह विद्यालय चला रहा है। जहानाबाद ब्रेक कांड में था फरार कभी हाथ में बंदूक थामे रहने वाला और समाज की मुख्यधारा से विमुख हुआ नक्सली 35 वर्षीय अलखनंदा...

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‘आप गलतफहमी के शिकार हैं. हमने भूमि सुधारों को बैकबर्नर पर नहीं डाला है’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करना आसान नहीं. उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारों में काम करने का खासा अनुभव है. वे हिंदीभाषी प्रदेशों के उन गिने-चुने नेताओं में  से हैं जो बढ़िया वक्ता हैं. काफी पढ़े-लिखे हैं और राजनीति के उथल-पुथल वाले 70 और 80 के दशक में उन्होंने आजादी के बाद के, कांग्रेस से अलग धारा में काम करने वाले कई प्रमुख नेताओं के...

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