किसानों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर विवादित भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को दोबारा जारी की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। याचिका में गत तीन अप्रैल को एनडीए द्वारा जारी किए गए भूमि अधिग्रहण संशोधित अध्यादेश को निरस्त करने की गुहार लगाई गई है। पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा कि महज इसलिए कि सरकार को राज्यसभा में बहुमत नहीं है,...
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अब गरीबों को गेहूं नहीं मिलेगा, चावल से चलाना पड़ेगा काम
बिलासपुर (निप्र)। जिले के अंतर्गत आने वाले 5 लाख 22 हजार 844 राशन कार्डधारकों को राज्य शासन ने करारा झटका दिया है। मंगलवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने एक आदेश जारी कर गेहूं के आवंटन पर रोक लगा दी है। आनन-फानन में खाद्य विभाग के अधिकारी राशन दुकान संचालकों को मोबाइल के जरिए गेहूं की आपूर्ति बंद करने संबंधी शासन के आदेश की जानकारी देने के साथ ही...
More »आज से बदलेगा बहुत कुछ : जेब पर पड़ेगा सीधा असर
नयी दिल्ली : नया वित्त वर्ष (2015-16) बुधवार से शुरू हो रहा है. रेल व आम बजट में घोषित नये नियम एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं. इनमें से कुछ बदलाव आपके लिए राहत भी लेकर आ रहे हैं, लेकिन कई मामलों में आपकी जेब भी खूब ढीली होगी. आपके अप्रेजल के अलावा आपकी जिंदगी में एक अप्रैल से क्या बदलने वाला है, फिर भी जिंदगी तो चलती ही रहेगी. आइए...
More »कैसे आत्मनिर्भर होंगे ऊर्जा क्षेत्र में- अनुराग दीक्षित
ऊर्जा की उपलब्धता किसी भी मुल्क के विकास के लिए अहम है, लेकिन संसाधनों के सीमित होने के कारण ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल पूरी दुनिया में आज एक बड़ी चुनौती है। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में तो यह मामला कहीं ज्यादा गंभीर है। अनुमान है कि वर्ष 2035 तक ऊर्जा की मांग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश होगा! इन्हीं बातों को ध्यान में...
More »अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में- रविभूषण
मुक्तिबोध और फैज जैसे कवियों ने जब ‘अभिव्यक्ति के खतरे उठाने' और ‘बोल कि लब आजाद हैं तेरे' का आह्वान किया था, वे राज्यसत्ता के चरित्र और उसके द्वारा समय-समय पर लगायी गयी पाबंदियों से भली भांति परिचित थे. मुक्तिबोध ने तो नहीं, पर फैज ने राज्यसत्ता के दमन को ङोला भी था. अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाने का काम सर्वसत्तात्मक और एकदलीय शासन प्रणाली मनमाने ढंग से करती...
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