चौदह अक्तूबर, 2016 को भीम राव अंबेडकर के बौद्ध धर्म अपनाने की 60वीं सालगिरह थी। मगर यह मौका राजनीतिक वर्ग के संज्ञान से अछूता रहा, खासकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नजरों से, जो मौजूदा दौर में देश के दो सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं और जिन्होंने हाल के महीनों में अंबेडकर की बढ़-चढ़़कर तारीफें की हैं। जहां तक मुझे दिखा, न तो सोनिया या राहुल गांधी ने, न किसी...
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सोना कितना सोना है-- सुधा सिंह
कौन स्त्री कितना गहना पहन या रख सकती है, यह स्त्री या उसका परिवार नहीं, सरकार तय कर चुकी है। भारत सरकार ने नोटबंदी की प्रक्रिया के दौरान घबराई हुई जनता का डर दूर करने के लिए सन 1994 से स्वर्ण और आभूषण रखने को लेकर चले आ रहे नियमों को पुन: पुष्ट कर इस ओर नई बहस की शुरुआत कर दी है। इस घोषणा की जरूरत नहीं थी, लोग...
More »मोदीजी की सुनें या अर्थशास्त्रियों की -- रविभूषण
विगत ढाई वर्ष में मोदी सरकार ने प्रचार पर 11 अरब से अधिक रुपये खर्च किये हैं. नोटबंदी के द्वारा भ्रष्टाचार और कालेधन की समाप्ति की जो बात की जा रही है, कैशलेस समाज और भारत बनाने पर जिस तरह बल दिया जा रहा है, उस पर स्थिरचित्त से विचार करना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि मोदी का कोई कार्यक्रम अकेला नहीं होता. एक स्ट्रोक से कई निशाने लगाने की ऐसी...
More »गोरखधंधा : नोटबंदी के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों में किया जा रहा कालेधन को सफेद
नयी दिल्ली : देश में आठ नवंबर से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद कर देने के बाद से ही कालाधन रखने वालों ने पूर्वोत्तर के राज्यों में अपने धन का इस्तेमाल कर सफेद बनाने में जुट गये हैं. जिनके पास बड़ी मात्रा में पुराने नोट पड़े हैं, वे अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में अपने पैसों को भेजकर कालेधन को सफेद करने का...
More »मुद्रा परिवर्तन के बाद--- अनुपम त्रिवेदी
विगत 8-9 नवंबर की रात कालेधन पर की गयी प्रधानमंत्री की सर्जिकल स्ट्राइक को 15 दिन पूरे हो गये हैं. आधा देश अभी भी लाइन में लगा है और बाकी आधा इस माथा-पच्ची में कि अब आगे क्या होगा? मोदी सरकार के इस दूरगामी और साहसी कदम के संभावित परिणामों पर कयासों का दौर चल रहा है. प्रधानमंत्री खुद रायशुमारी करा रहे हैं. बड़ा प्रश्न है कि क्या अर्थव्यवस्था पटरी...
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