जो देश अपने हाल-फिलहाल का इतिहास याद नहीं रखते, वे एक ही तरह की दुर्घटना दोहराने का खतरा उठाते हैं। देश की दो तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। यदि इनमें से किसी से आपातकाल लगाए जाने के दिन यानी 26 जून, 1975 का महत्व पूछिए तो उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभरते हैं। कई बार 55 साल के लोगों से भी ऐसा जवाब नहीं मिलता, जिससे...
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परीक्षाओं में धांधली की बढ़ती चुनौती - प्रेमपाल शर्मा
शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब देश में चल रही परीक्षाओं को लेकर कोई घोटाला सामने न आए। पिछले दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के कई पेपर लीक हुए। ठीक इसी वक्त मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में हुई धांधली का मामला भी सुप्रीम कोर्ट के सामने है, जिसने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले के बारे में...
More »इस सिस्टम ने की महिलाओं की अनदेखी: केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने एक बार फिर से कोलेजियम सिस्टम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस सिस्टम ने महिलाओं के साथ अनदेखी की। सरकार ने कहा कि कोलेजियम द्वारा बहुत कम संख्या में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में महिला जजों की नियुक्ति हुई। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के जरिए उच्चतर अदालतों में महिला जजों की नियुक्ति भी पर्याप्त संख्या में होगी। अब तक जो...
More »कछुआ चाल से चल रहा है समेकित बाल विकास कार्यक्रम
सुप्रीम कोर्ट के कई अंतरिम आदेशों के बावजूद सरकार समेकित बाल विकास कार्यक्रम को अभी तक सार्विक नहीं बना पायी है। इस बात का खुलासा चौदहवीं लोक लेखा समिति की रिपोर्ट(2014-15) से हुआ है। लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 लाख बसाहटों में आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित कर पाने का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का लक्ष्य निकट भविष्य में पूरा होता नहीं जान पड़ता। (देखें...
More »एक जुलाई से आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा पर विचार
रांची : खाद्य सुरक्षा की तैयारी को शनिवार को कमतर बताते हुए एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम शुरू करने से इनकार करने वाले केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान रविवार को नरम दिखे. होटल बीएनआर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरयू राय ने आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा की तैयारी पूरी कर लेने की बात कही है. झारखंड के कुछ जिलों में नक्सल समस्या भी है....
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