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बहुविवाह मुसलिमों में ही नहीं, हिंदुओं में भी; आदिवासियों में तो आम बात!

सत्य हिन्दी, 28 जुलाई  सोशल मीडिया पर अक्सर एक से ज़्यादा पत्नी रखने के लिए मुसलिमों को निशाना बनाया जाता रहा है, लेकिन क्या सिर्फ़ मुसलिम ही बहुविवाह करते हैं? उन समुदायों के बारे में क्या जिसमें ऐसी शादियाँ आम बात है? आप यह जानकर चौंक जाएँगे कि मुसलिमों से कहीं ज़्यादा बहुविवाह आदिवासी बहुल राज्यों में होता है। ऐसा तब है जब बहुविवाह या एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा...

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इस खरीफ सीजन धान की 17% कम रोपाई, क्या और बढ़ जाएगी महंगाई?देश के कई हिस्सों में इस बार मानसूनी (Monsoon) बारिश में कमी देख गई है

क्विंट हिन्दी, 27 जुलाई देश के कई हिस्सों में इस बार मानसूनी (Monsoon) बारिश में कमी देख गई है. इसका किसानों (Farmer) पर भी असर पड़ा है और खरीफ की फसलों में जहां दालों का रकबा बढ़ा है तो वहीं धान की रोपाई पिछले साल के मुकाबले करीब 17 प्रतिशत कम हुई है. लेकिन इसकी वजह अकेली बारिश नहीं है. धान के घटते रकबे के कई और कारण भी हैं, जो...

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कैसे साफ हो गंगा : पांच साल में सिर्फ एक बार बैठी गंगा परिषद, पीएम मोदी की अध्यक्षता में हर साल होनी थी बैठक

डाउन टूअर्थ, 27 जुलाई  गंगा में 60 फीसदी सीवेज की निकासी जारी है वह भी तब जब राष्ट्रीय नदी के बिगड़े रंग-रूप को बदलने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का बजट बनाया गया था। स्थिति यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद के गठन को करीब छह वर्ष बीतने वाले हैं और अभी तक सिर्फ एक बार ही बैठक की जा सकी है।...

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पहले गेहूं, अब चावल- खराब मौसम की मार के कारण इस सीजन में ‘10 मिलियन टन’ तक गिर सकता है उत्पादन

दिप्रिंट , 27  जुलाई अप्रैल-मई में भीषण गर्मी के कारण देश में गेहूं की फसल खराब हो गई थी, जिसकी वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और अब मौजूदा खरीफ सीजन की मुख्य फसल चावल की बुवाई कई राज्यों में कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में इस मानसून के मौसम में अब तक कम बारिश हुई है, जबकि असम...

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छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुए दो संकल्प, क्या हैं इसके मायने

डाउन टूअर्थ, 27 जुलाई  बीते रोज यानी 26 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कई मायनों में उल्लेखनीय रही। इस दिन जिस सक्रियता से राज्य के जंगलों, आदिवासी समुदायों, प्रकृति और उनके संरक्षण पर पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने बहस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, उसकी सराहना की जानी चाहिए। केवल हसदेव अरण्य से जुड़े हुए करीब 20 प्रश्नों पर चर्चा हुई। इसी दिन विधानसभा ने दो महत्वपूर्ण संकल्प भी...

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