जनसत्ता 25 मई, 2013: भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वास्थ्य क्षेत्र संकट की स्थिति में है। गांवों के लिए विशेष स्वास्थ्य मिशन स्थापित करने के बावजूद अधिकतर जरूरतमंद गांववासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं, या इन्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें असहनीय खर्च करना पड़ता है। इलाज पर आने वाला खर्च कर्जग्रस्त होने और गरीबी में धकेले जाने का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इस...
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सिद्धरामैया ने पहले ही दिन गरीबों के लिये 4,410 करोड़ रुपये का तोहफा दिया
बैंगलूर (भाषा)। कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही कल पहले ही दिन कांग्रेस के चुनाव वादे को पूरा करते हुये गरीबों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिये 4,409.81 करोड़ रुपये के तोहफे की घोषणा की। सिद्धरामैया ने कल एक बैठक में कहा कि अगले महीने से एक रुपये की दर से हर महीने 30 किलो चावल उपलब्ध कराया जायेगा।...
More »मासूम गिरोहों की दिल्ली- प्रियंका दुबे
समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...
More »कितना कम जानते हैं हमारे सांसद
समाज के विभिन्न तबकों के लिए भोजन के अधिकार को लेकर काम कर रहे हम जैसे पंद्रह युवाओं का एक समूह पिछले हफ्ते कुछ सांसदों से मिला। इसकी वजह थी, संशोधित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पर उनसे चर्चा करना और इसे बेहतर बनाने का प्रयास करना। हमने तकरीबन सौ से अधिक सांसदों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनमें से महज 20 सांसदों से ही मुलाकात हो सकी। कई सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्रों...
More »खाद्य-सुरक्षा बिल: संसद में नाकाम रही सरकार ला सकती है अध्यादेश
नई दिल्ली। संसद में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित कराने में नाकाम रहने के बाद मनमोहन सरकार ने बुधवार को संकेत दिए कि वह इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए अध्यादेश ला सकती है। ज्ञात रहे,खाद्य सुरक्षा विधेयक सोमवार को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया था, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण इसे पारित नहीं किया जा सका। इसमें 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी...
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