खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...
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केंद्र के एक फैसले से राजस्थान के करीब 5 करोड़ लोगों को फायदा
जयपुर। राजस्थान में 1.44 करोड़ परिवारों की मुखिया अब महिलाएं होंगी। यह संभव होने जा रहा है नए फूड सिक्योरिटी अध्यादेश से। इस अध्यादेश को देश में सबसे पहले लागू करने वाला राज्य राजस्थान होगा। राज्य में अब तक आम तौर पर परिवार के कमाऊ पुरुष का नाम मुखिया के तौर पर इस्तेमाल होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फूड सिक्योरिटी अध्यादेश में...
More »अमूल राजस्थान व हरियाणा से दूध की खरीद बढ़ाएगी
अगले साल तक रोजाना 30 लाख टन दूध की खरीद व बिक्री होगी अमूल ब्रांड से दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री करने वाली गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन परिसंघ (जीसीएमएमएफ) राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से दूध की खरीद बढ़ाएगी। इससे इन राज्यों के दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा। कंपनी की अगले एक साल में दिल्ली और एनसीआर में दूध की बिक्री बढ़ाकर 30 लाख लीटर दैनिक करने की योजना है। जीसीएमएमएफ...
More »दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए आयात महंगा करने का विचार
नया फॉर्मूला - आयातित दालें महंगी पड़ेंगी तो किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगाने के पक्ष में खाद्य मंत्रालय 10 फीसदी शुल्क लगाने की सिफारिश की है सीएसीपी ने दालों के आयात को हतोत्साहित करना चाहता है खाद्य मंत्रालय केंद्र सरकार देश में दलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नया रास्ता अपनाने पर विचार कर रही है। सरकार आयातित दालों का आयात महंगा करने की सोच रही है।...
More »भोजन के वादे की हकीकत ।। देविंदर शर्मा ।।
खाद्य सुरक्षा कानून संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. अब हर नागरिक को ‘भोजन का अधिकार' हासिल करने में सरकार मददगार की भूमिका निभायेगी. हालांकि, केंद्र सरकार पिछले कई वर्षो से इस कानून को लाने की कवायद में जुटी थी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह फैसला चुनाव नजदीक आते देख लिया गया है. इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष और इस कानून से किन्हें...
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