प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर विदेशी निवेशकों का आह्वान किया था कि वे भारत में आकर माल का उत्पादन करें. इस आह्वान से मैं असमंजस में था. ऐसा लगा कि वे यूपीए3 सरकार के मुखिया के रूप में बोल रहे थे. अब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने स्पष्ट किया है कि अर्थव्यवस्था से विदेशी निवेशकों को बाहर नहीं रखा जायेगा, परंतु मुख्य इंजन विदेशी निवेश नहीं...
More »SEARCH RESULT
सबसे तेज विकास करने वाला एशियाई देश होगा भारत
सिंगापुर। एशिया के तमाम देशों में भारत सबसे अधिक तेजी से आर्थिक वृद्घि दर्ज करने वाला देश होगा। मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक 2015 के दौरान यहां सकल घेरलू उत्पादन (जीडीपी) में 6.3 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है। 12-14 नवंबर के दौरान मॉर्गन स्टैनली के सालाना एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन में हुई प्रस्तुति में कहा गया कि अगले साल के अंत तक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर 62.2 रहेगी। इस...
More »शिक्षा में नया आयाम जोड़ रही मोबाइल टेक्नोलॉजी
आरंभ में मोबाइल फोन को लैंडलाइन फोन के विकसित विकल्प के तौर पर मुहैया कराया गया था. धीरे-धीरे इसमें कई खासियतें जुड़ती चली गयीं. अब स्मार्टफोन का जमाना है, जिसका बहुआयामी उपयोग पढ़ने-लिखने और सीखने के तौर-तरीके को भी बदल रहा है. किस तरह से स्मार्टफोन इन कार्यो को अंजाम देता है, क्या है एम-लर्निग और 4जी तकनीक तथा सोशल नेटवर्किग कैसे शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव ला रहा...
More »गुजरात : क्या वोट नहीं देने वालों को होगी जेल?
गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान को अनिवार्य किया गया है। प्रदेश सरकार भले ही इसे लोकतंत्र की मजबूती के लिए उठाया गया कदम करार दे, लेकिन नागरिकों के मूल अधिकारों का हवाला देते हुए इस विधेयक की आलोचना भी की जा रही है। गुजरात स्थानीय प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक को नरेंद्र मोदी का सपना बताया जाता है। मुख्यमंत्री रहते उन्होंने कहा था...
More »मुंबई की झुग्गी में शिक्षा की अलख जगाते सुपरहीरो अंकल
73 वर्षीय फिरोज अशरफ जोगेश्वरी की झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए सुपरहीरो अंकल से कम नहीं हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर फिरोज का कहना है कि जब तक हाथ-पांव चल रहे हैं, बच्चों को पढ़ाता रहूंगा। 1997 से अब तक 5000 से ज्यादा बच्चे उनसे शिक्षा ले चुके हैं। फिरोज बताते हैं, उनका मकसद शिक्षा की उस कमी को पूरा करना है जो सरकारी स्कूलों की अनदेखी के...
More »