बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी के साथ अनुकूल मौसम से चालू रबी में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान है। गेहूं की बुवाई चालू रबी में 5.7 फीसदी बढ़कर 315.32 लाख हैक्टेयर में हुई है। मार्च-अप्रैल महीने में उत्पादक मंडियों में गेहूं की नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। हालांकि निवेशकों की खरीद से एनसीडीईएक्स पर मार्च महीने के...
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अगले सीजन के लिए गन्नामूल्य में मामूली बढ़त
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2014 से शुरू होने वाले आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में मामूली 10 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 220 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की गुरुवार को हुई बैठक में पेराई वर्ष 2014-15 के लिए गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी की गई, लेकिन चीनी मिलों को 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव...
More »हम इन्हें अपना कब मानेंगे- सुबीर भौमिक
पूर्वोत्तर भारत ऐसा हिस्सा है, जहां भारत कम और दक्षिण-पूर्व एशिया अधिक दिखता है। यहां के ज्यादातर जातीय समूहों के पूर्वज चीन के युन्नान प्रांत और म्यांमार के कुछ हिस्सों से आए हैं। इस हिस्से पर अंग्रेजों के आगमन से पहले किसी भारतीय शासक ने, फिर चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, राज नहीं किया है। अंग्रेज जब भारत से विदा हुए, तब यह क्षेत्र भारत का हिस्सा बना। भारत की राष्ट्र-निर्माण परियोजनाओं...
More »मर रहे हैं गांव, आर्थिक उन्नति की बात बेमानी : प्रो नवल किशोर
हिंदुस्तान की आत्मा गांव में बसती है. देश की उन्नति में गांव का अहम रोल रहा है. आज गांव की हालत क्या है? भूमि-विवाद, बिजली की कमी, सिंचाई के घटते साधन, पानी की कमी को ङोल रहे नहर, आहन, पईन. इन सबके बीच गांव की तासिर लगातार गिरती जा रही है. मूलभूत सुविधा ही जब गांव को नहीं मिलेगी तो हमारे गांव दूसरे प्रदेश के गांवों की तरह कैसे आर्थिक तौर पर...
More »महंगाई कम करने की नीयत चाहिए- देविंदर शर्मा
खाद्य पदार्थो की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है. इस मूल्य वृद्धि को अकसर मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश में खाद्यान्नों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है. फिर क्या वजह है खाद्य पदार्थो के मूल्य में होनेवाली वृद्धि की? क्या इसके पीछे जमाखोरों और सट्टेबाजों का हाथ है? आखिर किस...
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