SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1142

कैसे खुलते हैं स्कूल, बताए सरकार व सीबीएसइ : कोर्ट

पटना : स्कूल कैसे खुलते हैं? क्या नियम है? स्कूलों में कितना बड़ा कमरा हो? छात्र-शिक्षक का अनुपात क्या होना चाहिये? खेल के मैदान की कितनी लंबाई-चौड़ाई होनी चाहिए? मान्यता का क्या प्रावधान है? राज्य में कितने स्कूल मान्यता प्राप्त हैं? पटना उच्च न्यायालय को केंद्र सरकार, सीबीएसइ व राज्य सरकार ऐसे सभी पहलुओं से अवगत करायेगी. मुकेश रंजन द्वारा दायर लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान कुकुरमुत्ताें की तरह खुल रहे स्कूलों...

More »

बचपन पर मंडराता अंधेरा- पत्रलेखा चटर्जी

नरेंद्र मोदी के बाल विवाह के मुद्दे की वजह से इस सामाजिक बुराई के मद्देनजर हमारे राजनीतिक वर्ग का अस्पष्‍ट रुख एक बार फिर सामने आया है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के चारों ओर फैले चुनावी कोलाहल के माहौल में बाल विवाह पर सार्थक बहस का अभाव काफी खलने वाला है। भारत में राजनीतिक दल कन्याओं के अधिकारों पर जोर-शोर से बातें करते हैं। भाजपा...

More »

गुजरात इस मामले में भी निकला फिसड्डी

गुजरात है इस मामले में पिछड़ा गुजरात का विकास मॉडल भले ही चुनावी मैदान में नरेंद्र मोदी का अहम हथियार बना हुआ है, लेकिन किसानों को आपदा की मार से बचाने के मामले में गुजरात का प्रदर्शन बेहद फीका है। कृषि मंत्रालय की संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को लागू करने में गुजरात पीछे रह गया है। गुजरात के अलावा भाजपा शासित छत्तीसगढ़ की स्थिति भी इस योजना के क्रियान्वयन में काफी...

More »

नमक के नए दारोगा- विकास नारायण राय

जनसत्ता 11 अप्रैल, 2014 : संसाधन घोटालों (कोयला, लोहा, गैस, तेल, रेत, जल, जंगल, जमीन) से बोझिल राजनीतिक वातावरण में, देश के शासन का ईमानदारी से संचालन, 2014 के चुनावी घोषणापत्रों की एक प्रमुख थीम है। तीस हजार करोड़ रुपए चुनाव में दांव पर लगाने वाले राजनीतिकों में होड़ है कि अगला ‘नमक का दारोगा’ कौन बनेगा! नमक जैसे सुलभ पदार्थ को औपनिवेशिक लूट का जरिया बनाए जाने की पृष्ठभूमि...

More »

अर्थनीति के दो छोर पर- एक के वेणु

जिस भाजपा की उत्तर भारत में लहर बताई जा रही है, उसके चुनावी घोषणापत्र में इतनी देरी की वजह समझ में नहीं आ रही। वरिष्ठ भाजपा नेता बलवीर पुंज ने इस गंभीर मामले को हल्के में निपटाते हुए कहा है कि मोदी अपने भाषणों में जो कुछ कह रहे हैं, उन्हें ही भाजपा का घोषणापत्र मान लिया जाना चाहिए। तो क्या मोदी के उद्गारों से अलग जाकर पार्टी को घोषणापत्र नहीं...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close