वर्ष 1993 में बांग्लादेश में मेरे पास गारमेंट्स फैक्टरियों की कुछ लड़कियां आती थीं। वे अपने कामकाज से जुड़ी तमाम शिकायतें करती थीं-जैसे लड़कियों को रुपये-पैसे के मामले में ठगना, उन्हें कम वेतन देना, ऊंचे पदों पर महिलाओं की नियुक्ति न करना, मातृत्व अवकाश न देना, बीमारी में छुट्टी न देना, यौन दुर्व्यवहार करना, ओवरटाइम करने के लिए बाध्य करना, देर रात को फैक्टरी से घर जाने के लिए वाहन...
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मनरेगा में पैसा खर्च करना सचमुच फिजूल की बात है?- ज्यां द्रेज
कॉरपोरेट प्रायोजित मीडिया की ओर से बनाई गई धारणा के उलट महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से अहम नतीजे मिले हैं। अगर मीडिया की कुछ रिपोर्टों पर ग़ौर करें तो लगेगा कि मनरेगा के तहत शुरू हुए सार्वजनिक काम पूरी तरह बेकार हैं। हाल में एक संपादकीय में कहा गया, "देश के ज्यादातर हिस्सों में इसका (मनरेगा) मतलब बेमकसद गड्ढे खोदना और उन्हें भरना है।" इस बयान के...
More »न्यूनतम सरकार अधिकतम शोषण- के सी त्यागी
श्रमिकों के शोषण का लंबा इतिहास रहा है। इसके विरुद्ध श्रमिकों ने समय-समय पर आवाज उठाई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रम कानून बने। मजदूर संगठित हुए, उन्हें अधिकार मिले, स्वतंत्रता मिली, सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा। इसका असर हमने भारत में भी देखा। लेकिन नई औद्योगिक नीति और उदारीकरण का दौर परवान चढ़ने के साथ ही श्रमिक फिर शोषण का शिकार हुए। उनका सामाजिक दायरा घटा, अधिकार सिकुड़ते चले गए। इसी...
More »योग का 'ब्रांड' बनाम बुनियादी चुनौतियां - मनोज जोशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं से बहुत संतुष्ट होंगे। वे न केवल देश के नेता हैं, बल्कि अब देश के शीर्ष योगकर्ता भी बन गए हैं। वैसे यह सोचना और देखना थोड़ा अजीब लगता है कि एक सार्वजनिक व्यायाम कार्यक्रम का नेतृत्व स्वयं देश के प्रधानमंत्री करें, लेकिन मोदी भी एक परंपरागत राजनेता कहां हैं! यकीनन, उनके द्वारा ऐसा बहुत सोच-समझकर ही किया गया होगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'योग...
More »दाखिले की मारामारी
हर साल जून का महीना देश के उन लाखों परिवारों के लिए ढेर सारी परेशानियां लेकर आता है, जिनके बच्चों ने कक्षा-12 को पास कर लिया है। माना यही जाता है कि मेहनत और उसके अच्छे नतीजे भविष्य के लिए कई दरवाजे खोल देते हैं। पर स्कूली शिक्षा से कॉलेज शिक्षा की ओर जाने वाले मार्ग पर आजकल अक्सर ऐसा नहीं होता। अच्छे विश्वविद्यालय और कॉलेज में दाखिला कठिन होता...
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