नई दिल्ली.मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र के निकाले गए कर्मचारी गुस्से में हैं। उन्होंने आंदोलन की धमकी दी है। वे शुक्रवार को गुड़गांव में रैली निकालने वाले हैं। प्लांट के मारुति कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीव कुमार ने 546 श्रमिकों को निकालने के कंपनी फैसले को गलत ठहराया है। उनका कहना है कि एक बारगी इतने श्रमिकों के सड़क पर आने से औद्योगिक अशांति को बढ़ावा मिलेगी। उधर, सीटू के...
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लाठी का लोकतंत्र - अनिल चमडिया
जनसत्ता 11 अगस्त, 2012: छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तीन गांवों के सत्रह आदिवासियों के केंद्रीय सुरक्षा बलों और स्थानीय पुलिस की गोलियों से मारे जाने की घटना पर दिल्ली में आयोजित एक सभा में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जो कुछ कहा वह ऐसी तमाम घटनाओं पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि 28 जून 2012 की रात राजपेटा, सारकीगुड़ा और कोत्तागुड़ा में नक्सलियों के साथ...
More »पर्यावरण भी हो विकास का मानक- अनिल पी जोशी
हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...
More »अब लॉकआउट की वैधता पर बहस, श्रमिकों के प्रवेश पर रोक
गुड़गांव. मारुति सुजूकी प्रबंधन ने मानेसर प्लांट में शनिवार शाम 6.15 बजे लॉकआउट का नोटिस चस्पा कर दिया। प्लांट में श्रमिकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही लॉकआउट की वैधता को लेकर बहस शुरू हो गई है। कंपनी ने फिलहाल लॉकआउट के लिए सरकार से अनुमति नहीं ली है। इस मुद्दे को लेकर श्रमिक कोर्ट भी जा सकते हैं। अब यह मुद्दा गर्मागर्म बहस का बन चुका...
More »मनरेगा के प्रति हो रहा है मोहभंग- लखन सालवी
भीलवाड़ा जिले में मनरेगा के तहत स्वीकृत हुए श्रेणी-4 के कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। 14,663 व्यक्तिगत कार्य स्वीकृत हुए थे जिनमें से केवल 5,825 पर ही कार्य पूर्ण हुए हैं। जून माह तक 39 प्रतिशत कार्यों के लिए मस्टररोल जारी हो पाए हैं। शेष अधरझूल में हैं। प्रशासन का कहना है कि मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ये प्रशासन का अपनी नाकामयाबी को छिपाने के लिए दिया गया बयान है। काम पूरे नहीं हो पाने...
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