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छत्तीसगढ़: वनवासियों को सौगात, खत्म होंगे वन अपराध के प्रकरण

रायपुर। राज्य मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है कि वनवासियों पर भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत दर्ज प्रकरण अपलेखित (समाप्त) किए जाएंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में वनवासियों को राहत देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। माना जा रहा है कि चुनावी साल में सरकार की छवि आदिवासी हितैषी बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि सरकार...

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न्याय की प्रतीक्षा में आदिवासी!- सी आर मांझी

भारतीय संविधान के आधार पर आदिवासियों की पहचान को अनुसूचित जनजातियों के नाम से जाना जाता है. परंतु यह सर्वज्ञात है कि भारत की आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. यह समाज अपने स्तर से अपनी असली आदिवासी की पहचान एवं परिचय को संजोकर आदिम परंपरागत निष्ठा, निश्छलता, आदर्श एवं धार्मिक आस्था को बनाये रखा...

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कहां कितने अमीर: भारत में यहां बसते हैं सबसे संपन्न लोग, ये जिला है सबसे गरीब

अक्सर मन में सवाल आता है कि देश की सबसे संपन्न आबादी किन इलाकों में रहती है? इस सवाल के जवाब के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 का विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि देश के छह महानगरीय क्षेत्र में देश की एक चौथाई संपन्न आबादी निवास करती है। इनमें से भी 11 फीसदी अकेले दिल्ली-एनसीआर में निवास करती है, यानी संख्या के आधार पर देशभर में...

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SC-ST प्रिवेन्शन एक्ट में रोहतास के जिलाधिकारी के खिलाफ जारी हुआ वारंट

किशनगंज : बिहार के किशनगंज की एक अदालत ने अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत रोहतास के ​जिलाधिकारी पंकज दीक्षित के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. पंकज दीक्षित पूर्व में किशनगंज के जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत थे. गत अप्रैल महीने में बिहार में बड़े पैमाने पर हुए आईएएस के स्थानांतरण के क्रम में उनका भी स्थानांतरण हुआ था. वर्तमान में रोहतास में जिलाधिकारी के पद पर तैनात...

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नई जमीन तलाशती राजनीति-- बद्रीनारायण

चुनावी राजनीति में कई बार छोटी दिखने वाली राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक शक्ति महत्वपूर्ण हो उठती है। लोकतांत्रिक संयोग उसे सहसा महत्वपूर्ण बना देता है। कुछ सप्ताह पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव का पूरा विमर्श दो दलों- कांगे्रस और भाजपा पर केंद्रित था। चुनाव के बाद उपजी स्थितियों के कारण सहसा जनता दल (सेकुलर), जो तीसरे नंबर की पार्टी थी, महत्वपूर्ण हो उठी। इस घटना का दूसरा महत्वपूर्ण निहितार्थ राष्ट्रीय स्तर...

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