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लगातार बढ़ रही हैं जंगलों में आग की घटनाएं!

जंगलों में लगने वाली आग केवल संयुक्त राज्य अमेरिका (कैलिफ़ोर्निया, 2020), ब्राज़ील (अमेज़ॅन वन, 2019-2020) या ऑस्ट्रेलिया (2019-20) जैसे देशों तक ही सीमित नहीं है. हर साल भारत के कई राज्यों के जंगल भी आग की चपेट में आते हैं. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि हाल के महीनों में उड़ीसा के सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जंगल में आग लगी है. इस...

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गुजरात में हर चौथे दिन एक दलित महिला से होता है बलात्कार - बीबीसी एक्सक्लूसिव

-बीबीसी, गुजरात में बीते दस सालों के दौरान हुए अपराध के आंकड़ों से पता चलता है कि हर चार दिन में अनुसूचित जाति की एक महिला के साथ बलात्कार होता है. यह जानकारी बीबीसी गुजराती के सूचना के अधिकार के इस्तेमाल के ज़रिए मांगी गई जानकारी के जवाब में गुजरात पुलिस मुख्यालय से मिली है. ये आंकड़े सरकार के सुरक्षित गुजरात के दावे के उलट हैं. महात्मा गांधी के गुजरात में भयावह आकंड़ों...

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पातालकोट में पौष्टिक अनाजों की खेती -बाबा मायाराम

“हमारे इलाके में परंपरागत देसी बीज लुप्त हो रहे थे, लेकिन अब हम उनको बचा रहे हैं, उनकी खेती कर रहे हैं। इससे सालभर के भोजन के लिए अनाज तो मिलता ही है, बाजार में भी बेच लेते हैं।” यह ज्ञान शाह भारती थे, जो पातालकोट के घाना कौड़िया गांव के निवासी हैं। पातालकोट, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील में है। यह सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच स्थित है।...

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किसी को फ़र्ज़ी केस में फंसाकर उसकी ज़िंदगी ख़राब कर देना इतना आसान क्यों है

-द वायर, ‘कोई न कोई जरूर जोसेफ के के बारे में झूठी सूचनाएं दे रहा होगा, वह जानता था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है लेकिन एक अलसुबह उसे गिरफ्तार किया गया.’ (Someone must have been telling lies about Joseph K, he knew he had done nothing wrong but one morning, he was arrested) बहुचर्चित उपन्यासकार फ्रांज काफ्का के उपन्यास ‘द ट्रायल ’ (The Trial) की यह शुरुआती पंक्ति, जो लगभग...

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कोरोना संकट के दौरान बच्चों के पोषण को आश्वस्त करने में मिड-डे मील स्कीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...

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