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सेज बनाम बनाम विस्थापन- तमिलनाडु में जन-सुनवाई

तमिलनाडु में १३९ सेज यानी विशेष आर्थिक क्षेत्र अपनी मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं और तमिलनाडु के कई संगठन इन विशेष आर्थिक क्षेत्रों की जरुरत और प्रभावकारिता की जांच के लिए एक जनसुनवाई का आयोजन कर रहे हैं।। जनसुनवाई २४ अक्तूबर से २६ अक्तूबर तक जाने माने अर्थशास्त्रियों, सामाजविज्ञानियों, पत्रकारों और नौकरशाहों की मौजूदगी में होगी। जन-सुनवाई में भागीदारी के लिए नागरिक संगठनों ने मीडियाकर्मियों को सहर्ष आमंत्रित किया...

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उत्तराखंड की बांध परियोजनाएं-किसको क्या मिला?

नये राज्यों के गठन के पीछे एक तर्क उनके आर्थिक विकास का दिया जाता है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ-साथ उत्तराखंड का गठन नये राज्य के रुप में हुआ तो जातीय पहचान के साथ-साथ इन राज्यों के आर्थिक विकास का भी तर्क दिया गया था। उत्तराखंड को अस्तित्व में आये अब तकरीबन नौ साल पूरे हो रहे हैं। चिपको आंदोलन समेत कई जनआंदोलनों की जन्मभूमि रहे उत्तराखंड में फिलहाल बांध...

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प्रधानमंत्री के खत पर चेती सरकार

अजमेर. अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों पर अत्याचार प्रकरणों के निस्तारण में ढिलाई पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पत्र के बाद राज्य सरकार चेती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी कलेक्टरों को अदालतों में विचाराधीन प्रकरणों का निस्तारण तेजी से कराने और जिला स्तरीय एससी-एसटी अत्याचार निवारण समिति की बैठकों का नियमित आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. सिंह ने एससी-एसटी के लोगों पर अत्याचार के प्रकरणों का निस्तारण...

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इस सूखे में संभावना

इस साल के सूखे ने एक बार फिर ध्यान दिलाया है कि देश के जिन इलाकों में सिंचाई के साधनों के टोटे हैं वहां चावल और गेंहूं जैसे पेट भर पानी पीकर लहलहानी वाली फसलों के बजाय मोटहन मसलन-ज्वार-बाजार,मरुआ-मसुरिया जैसी फसलों को उपजाने की जरुरत है क्योंकि इन फसलों को पानी की कम जरुरत होती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की कुल ७० फीसदी कृषि भूमि सिंचाई के लिए...

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भुखमरी-एक आकलन

 खास बात   - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में  24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...

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