नई दिल्ली। देश में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए गैर सरकारी संगठनों को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर मामला बताया है। देशभर में फैले लगभग 30 लाख एनजीओ को बड़ी समस्या बताते हुए अदालत ने कहा है कि इन आंकड़ों से संदेह पैदा होता है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि लाखों गैर सरकारी संगठन दुनियाभर से पैसा ले रहे हैं। अदालत ने पूछा...
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केरल के NGO ने बढ़ाया देश का मान, मिलेगा UNESCO शिक्षा सम्मान
एक तरफ यूनेस्को (UNESCO) की रिपोर्ट में ये सामने आया है कि भारत साक्षरता अभियान के लक्ष्यों में करीब 20 साल पिछड़ गया है वहीं यूनेस्को से ही भारत के लिए एक अच्छी खबर भी आई है। केरल के एक NGO को इस साल यूनेस्को का कन्फ्युशियस प्राइज़ ऑफ़ लिट्रेसी (Confucius Prize for Literacy) देने का ऐलान किया गया है। ये सम्मान इस एनजीओ को पेरिस में एक कार्यक्रम के...
More »शिवपुरी के खिसलौनी गांव में कुपोषित बच्ची की हालत गंभीर
बामौरकलां(शिवपुरी)। मुख्यालय से 150 किमी दूर खनियांधाना विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य खिसलौनी गांव के वीरसिंह आदिवासी की महज ढाई साल की बेटी चांदनी जन्म से ही कुपोषण से ग्रसित है। बावजूद इसके महिला बाल विकास से लेकर कुपोषण मिटाने के अभियान से जुड़े किसी एनजीओ ने इस लाड़ली की सुध नहीं ली। अस्पताल लाने से पहले गर्भवती मां ने तोड़ा दम : चांदनी को जन्म देने वाली उसकी मां वीरवती को...
More »बोर्ड में महिलाओं की संख्या बढ़ी, पर ज्यादातर रिश्तेदार बनीं निदेशक
नई दिल्ली। बेशक 2014 से कंपनियों के बोर्डों में महिलाओं की संख्या बढ़ी है, लेकिन इनमें से करीब आधी या तो प्रमोटरों के परिवार का हिस्सा हैं या रिश्तेदार। यह नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता के अभाव की तरफ इशारा करता है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। फरवरी, 2014 में बाजार नियामक सेबी ने दिशानिर्देश जारी किए थे। इसमें कंपनियों को अनिवार्य रूप से अपने निदेशक मंडल में...
More »हिंडन और कृष्णा नदी प्रदूषण पर एनजीटी का बड़ा फैसला-- निहार गोखले
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर भाग में हिंडन और कृष्णा नदी के किनारे बसे सैंकड़ों गांव के लोगों के लिए पानी सबसे बड़ा जहर है. यहां मौजूद पानी में धातु की मात्रा के कारण बच्चों को कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. यह सब कुछ पिछले दो दशक से हो रहा है. राज्य सरकार ने इस स्थिति में सुधार के लिए कुछ नहीं किया. इससे मजबूर गांव...
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