-द प्रिंट, नरेंद्र मोदी सरकार ने एक नया विधेयक पेश किया है जिसमें ‘आवश्यक रक्षा सेवाओं’ में लगे प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने या ऐसी इकाइयों में तालाबंदी रोकने का प्रावधान किया गया है. आवश्यक रक्षा सेवाओं का मतलब ऐसे प्रतिष्ठानों से हैं जो ऐसी वस्तुओं या उपकरणों का निर्माण करते हैं जिनका इस्तेमाल रक्षा क्षेत्र से जुड़ा हो. सरकार के अनुसार, ये ऐसी सेवाएं हैं ‘जिनमें काम बंद होने से रक्षा उपकरणों...
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आवरण कथा/बैंकिंग व्यवस्था/भगोड़ों की मौज, भंवर में फंसे बैंक
-आउटलुक, “एनपीए बढ़ा, बैंकों को गहराते संकट से उबारने के उपाय ऊंट के मुंह में जीरे के सामान, गलतियों से सबक सीखने के प्रति लापरवाही, दिवालिया संहिता से सवालिया घेरे में बैंक, याराना पूंजीवाद और भगोड़ों पर कोई खास अंकुश नहीं” अजब जलवा है भगोड़ों का। 23 मई की रात अचानक खबर आई कि देश के बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले मोस्ट वांटेड भगोड़ों में से एक, मेहुल चोकसी...
More »"केंद्र सरकार द्वारा फोन टैप करवाना लोकतंत्र का अपमान", कर्नाटक के नेता
-कारवां, इजराइली कंपनी एनएसओ समूह द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए जासूसी कराए जाने की दि वायर में प्रकाशित रिपोर्ट पर कर्नाटक के दो बड़े नेताओं ने उनके और उनके कर्मचारियों के फोन नंबरों को टैप करने की निंदा की है. एनएसओ समूह दुनिया भर की सरकारों को निगरानी तकनीक प्रदान करने वाली फर्म है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि जनता दल (सेक्युलर) के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री...
More »आधी रात को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद सर्विलांस सूची में डाला गया था सीबीआई निदेशक का नंबर
-द वायर, सीबीआई बनाम सीबीआई विवाद का हिस्सा रहे पूर्व निदेशक आलोक वर्मा, राकेश अस्थाना और एके शर्मा तथा उनके परिजनों के नंबर लीक हुई उस सूची में पाए गए हैं, जिनकी इजरायल स्थित एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर के जरिये निगरानी करने की संभावना जताई गई है. ये सब उस समय हुआ जब 23 अक्टूबर 2018 की आधी रात को मोदी सरकार ने तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और तत्कालीन विशेष...
More »मणिपुर में सेना पर नागरिक की हत्या के आरोप के बाद फिर तेज हुई आफ्स्पा पर बहस
-कारवां, भारतीय सेना की 44 असम राइफल्स कंपनी के एक मेजर पर मणिपुर के कांगपोकपी जिले के चालवा गांव के एक नागरिक की हत्या का आरोप लगने के बाद राज्य में आफ्स्पा पर बहस फिर तेज हो गई है. उक्त घटना के लगभग एक महीने बाद भी समझौते के तहत पीड़ित परिवार को जो मुआवजा दिया जाना था वह अभी तक नहीं मिला है. स्थानीय लोगों के अनुसार 4 जून को कांगपोकपी...
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