SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 354

कोरोना वायरस की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था ख़राब हो रही है?

-बीबीसी, भारत की राजधानी दिल्ली में रह रहे हज़ारों ग़रीबों में से मोहम्मद आलम एक हैं. वो सरकार की ओर से मिलने वाले राशन के लिए लगने वाली कतार में खड़े हैं. अपने बच्चे को गोद में लिए मोहम्मद आलम सरकारी दाल-चावल मिलने के इंतज़ार में हैं. जिस फ़ैक्ट्री में वो दैनिक मज़दूरी करते थे वो बंद हो गई है और उनकी आमदनी का ज़रिया भी ठप हो गया है. आने वाले...

More »

कोरोना वायरस: सवाल करने का मतलब सरकार को कमज़ोर करना नहीं है

-द वायर, आलोचना हमें महामारी से बचाएगी, आज्ञाकारिता नहीं. कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए हमें एक गणतंत्र होना चाहिए. यह कहा मधु त्रेहन ने जिनके तजुर्बे और समझदारी पर संदेह करने का कारण नहीं. लेकिन एकता की यह नेक सलाह देने के पहले उन्हें ज़रूरी लगा कि वे अरुंधति राय पर व्यंग्य करें और कहें कि राय से माफ़ी मांगते हुए वे कहना चाहती हैं कि अभी हमें एक के...

More »

दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद

2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...

More »

सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था- केसी त्यागी

मुजफ्फरपुर में ‘एक्यूट इंसेफेलाइटिस' नामक बीमारी से हुई बच्चों की मौत दर्दनाक घटना है. इसने सरकार और समाज दोनों को विचलित किया है. हालांकि, विशेषज्ञ अब तक इसे अज्ञात बीमारी बता रहे हैं, लेकिन चिकित्सकों ने भीषण गर्मी, कुपोषण और जागरूकता के अभाव आदि को इसका तात्कालिक कारण माना है. इस भीषण त्रासदी पर दलगत राजनीति भी हुई और मीडिया का बाजार भी गरमाया. मीडिया के एक वर्ग द्वारा राज्य...

More »

जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close