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लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू, मगर अभी भी मुश्किलें तमाम

-गांव कनेक्शन,  लॉकडाउन में मनरेगा में काम शुरू हो चुका है। सरकार ने ऐसे संकट के समय में ग्रामीण भारत के मजदूरों को 20 अप्रैल से मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है, मगर एक हफ्ते बाद भी बड़ी संख्या में मजदूर काम मिलने की आस लगाये बैठे हैं। "कुछ जगह काम चल रहा है, मगर हमारे यहाँ अभी भी काम शुरू नहीं...

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जल संकट से बढ़ेगा कृषि संकट

-इंडिया वाटर पोर्टल,  प्रांरभ से ही भारत में खेती की जा रही है। भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि ही है, जहां 51 प्रतिशत भाग पर कृषि,  4 फीसद पर चारागाह, 21 फीसदी पर वन और 24 बंजर भूमि है। देश के 52 प्रतिशत भाग की आजीविका कृषि और इससे संबंधित उद्योगों व कार्यों पर निर्भर है। चीन के बाद भारत गेंहू और...

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"सरकार का पैसा वापस चला जाएगा"... इस अफवाह ने बढ़ा रखी है बैंकों के बाहर भीड़?

-गांव कनेक्शन,  तेज धूप के बाद एकाएक बारिश शुरु हो गई थी, लेकिन आशा देवी बैंक के बाहर लगी लाइन में खड़ी रहीं। उन्होंने अपना विड्राल फार्म पासबुक के अंदर रखकर पल्लू में छिपा लिया। आशा को न धूप से दिक्कत थी न बारिश से और ना ही भीड़ के चलते कोरोना से संक्रमित होने की आशंका, उन्हें अपने 500 रुपए की चिंता थी, जो सरकार ने उनके जनधन खाते में...

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कोरोना संकट में दिखा गरीबी का नया मानचित्र

-इंडिया टूडे, कोरोना संकट ने सचमुच गरीबी का नया मानचित्र दिखाया है. इस मानचित्र में ऐसे गरीब ज्यादा हैं जो रोज न कमाएं तो उनके लिए पेट की भूख को शांत करना मुश्किल है. सरकारी स्तर पर बांटे जा रहे राशन और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे गरीबों की भी तादाद बड़ी है जो रोज न कमाएं तो उन्हें परिवार के साथ भूखे पेट ही...

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किसान को क्या चाहिए

-आउटलुक, “कोरोना संकट के दौर में सरकार को वाकई किसानों की फिक्र है तो वह फौरन कुछ जरूरी कदम उठाए” कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। हर व्यक्ति भविष्य को लेकर डरा हुआ है पर एक बात से पूरा देश निश्चिंत है कि हमारे पास खाने के लिए भरपूर अनाज है। दो महीने पहले ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ और अब समय गेहूं, सरसों आदि काटकर भंडारण का...

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