-हरवीर सिंह, साल भर के भीतर वैश्विक बाजार में जिस तरह से उर्वरकों और उनके कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है वह सरकार और घरेलू उर्वरक उद्योग दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा रही हैं। जिस तरह की कीमत वृद्धि डाई अमोनियम फॉसफेट (डीएपी) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) में हुई है उसी तरह की कीमत वृद्धि यूरिया की कीमतों में देखने को मिल रही है। देश में आयातित यूरिया...
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किसान आंदोलन: दायरा बढ़ाकर राष्ट्रीय मंच बनाने की जरूरत
-रूरल वॉइस, किसान नेता राकेश टिकैत ने कुछ महीने पहले कहा था कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो साल 2024 तक किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर धरने पर बैठने को तैयार हैं । टिकैत ने यह बयान तब दिया था जब किसान नेताओं औऱ सरकार के बीच लगातार बढ़ती तनातनी के बीच जनवरी के बाद से सरकार की तरफ से औपचारिक बातचीत भी बंद हो गई । लेकिन...
More »उत्तर प्रदेश के कोविड-19 संकट पर जारी आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट असलियत से परे है
-द वायर, आईआईटी कानपुर ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसका शीर्षक ‘कोविड संग्राम, यूपी मॉडल: नीति, युक्ति और परिणाम’ है. इस रिपोर्ट में कोविड-19 संकट से निपटने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफों की झड़ी लगाई गई है. 100 पन्नों से कुछ बड़ी यह रिपोर्ट अंग्रेजी व हिंदी में उपलब्ध है. यह रिपोर्ट मनिंद्र अग्रवाल द्वारा लिखी गई है जो महामारी से पहले ‘कॉम्पलेक्सिटी थ्योरी’ पर...
More »गन्ने और धान की राजनीतिक अर्थव्यवस्था उत्तर प्रदेश के 2022 विधान सभा चुनावों के लिए अहम
-रूरल वॉइस, साल 2022 में उत्तर प्रदेश होने विधान सभा चुनावों के लिए पांच महीने से भी कम समय बचा है। राष्ट्रीय राजनीति को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश के सिंहासन के लिए राजनीतिक दलों ने बड़ी लड़ाई के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है । चुनाव के पहले अभी से ही राज्य में राजनीतिक महौल चुनाव गतिविधियों से भर गया है। किसान नेता केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ...
More »बात बोलेगी: बिजली आ गयी है, लेकिन अर्द्ध-सत्य का अंधेरा कायम है!
-जनपथ, बिजली का संकट बिना कुछ किये ही टल गया। पूरा देश, भर उम्मीद था कि अब होगा अंधेरा और वो भी अनिश्चितकालीन। कोयला खत्म। आपूर्ति ठप। प्लांट बंद। खबरें शुरू। बहसें चालू। मंत्री और मंत्रालय सक्रिय। राज्य सरकारों व केंद्र सरकार के बीच सच-झूठ की चर्चाएं। आरोप-प्रत्यारोप के दौर। और अंत में निष्कर्ष- अंधेरे में होगा देश, दीवाली में दीये का सहारा, मैं नागिन तू सँपेरा जैसी तुकबंदी के साथ...
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