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महाराष्ट्र के गन्ना किसानों तक कितना पहुंच रहा गन्ने से ईंधन बनाने की योजना का लाभ

मोंगाबे हिंदी, 29 दिसंबर साहू थोरत महाराष्ट्र के सतारा जिले  कलावडे गांव में रहने वाले 47 वर्ष के एक गन्ना किसान हैं। थोरत पिछले 25 वर्षों से गन्ने की खेती अपने चार एकड़ के जमीन पर करते आ रहें हैं। नवम्बर 2022 में वह अपने ताज़ा काटे हुए गन्ने के ढेर को अपनी बैलगाड़ी में लादते दिखे। इस गन्ने को 12 किलोमीटर दूर कराड शहर के रथारे के चीनी के कारखाने...

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महाराष्ट्र के गन्ना किसानों तक कितना पहुंच रहा गन्ने से ईंधन बनाने की योजना का लाभ

मोंगाबे हिंदी , 27 दिसंबर साहू थोरत महाराष्ट्र के सतारा जिले  कलावडे गांव में रहने वाले 47 वर्ष के एक गन्ना किसान हैं। थोरत पिछले 25 वर्षों से गन्ने की खेती अपने चार एकड़ के जमीन पर करते आ रहें हैं। नवम्बर 2022 में वह अपने ताज़ा काटे हुए गन्ने के ढेर को अपनी बैलगाड़ी में लादते दिखे। इस गन्ने को 12 किलोमीटर दूर कराड शहर के रथारे के चीनी के...

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पाताल के पानी का भरपूर दोहन कर रहे हैं हरियाणा, पंजाब और राजस्थान

भारत में बारिश के साथ आने वाली खरीफ की सीजन खत्म हो गई है। सर्द हवाओं ने रबी की सीजन का इस्तक़बाल कर दिया है। किसानों ने मोटर–पंपों के माध्यम से पानी को पाताल से खींचना शुरू कर दिया है। नलकूपों में चल रही मशीनों के लिए बिजली सरकार ने भेजी है। यानी राजा और प्रजा दोनों की इच्छा है कि पाताल से पानी खींच कर खेतों में छोड़ा जाए। इसी...

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ग्रामीण महिला किसानों को सशक्त बनाने वाला एक मॉडल जो उन्हीं से मज़बूत बनता है

इंडिया डेवलपमेंट रिव्यू, 23 नवम्बर 1993 के लातूर भूकम्प के बाद एक पायलट परियोजना के तहत एक हजार से अधिक महिलाओं ने पुनर्वास कार्यों के लिए सरकार और अपने समुदायों के बीच सुविधाएं उपलब्ध करवाने वाले के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी। इसके लगभग 30 साल बाद, सामुदायिक उद्देश्यों के लिए महिलाओं को संगठित करने वाले इस मॉडल ने भूकंप, सूनामी, चक्रवात, सूखा और हाल ही में महामारी के दौरान...

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मनरेगा: भारतीय महिलाओं के लिए अंतिम और एकमात्र आय का सहारा

इंडियास्पेंड, 22 नवम्बर चंचल कुमारी का जन्म साल 2002 में हुआ। उस साल राजस्थान सूखाग्रस्त भी था। दो साल से राज्य में पीने या फसल बोने के लिए पानी की भारी कमी थी, मवेशी मर रहे थे। चंचल का परिवार भी भुखमरी के कगार पर था। उनके पिता राजू सिंह एक मजदूर थे। उन्हें काम की तलाश में अपना गांव छोड़ना पड़ा। जैसे-जैसे आजीविका चौपट हुई, रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए...

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