बढ़ती महंगाई एक बार फिर चर्चा में है। वरना तो महंगाई का जिक्र चुनावी सभाओं या नीति आयोग जैसी संस्थाओं की गंभीर बैठकों में होता है। अर्थशास्त्री इसे मुद्रास्फीति से जोड़ते हैं तो किसान-दुकानदार 'मुनाफाखोरी" से। महंगाई पर चर्चा क्या सिर्फ आंकड़ों की कलाबाजी है या फिर यह हकीकत से भी जुड़ी है? सरकार का दावा है कि मुद्रास्फीति की दर दो अंकों से गिरकर एक अंक की हो गई...
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बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर
सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...
More »अच्छे देशों की सूची में अभी दूर है भारत की मंजिल
मानवता की बेहतरी में योगदान के लिहाज से जारी अच्छे देशों की ताजा सूची में भारत को 70वें स्थान पर रखा गया है. सूची में 163 देशों को शामिल किया गया है. ऐसे किसी वैश्विक इंडेक्स में हमारे देश की मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से निराशाजनक है. देशों की आंतरिक स्थिति के आधार पर पेश की जानेवाली अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्टों पर नजर डालें, तो निराशा और बढ़ जाती है. मानव...
More »हरित ऊर्जा को सस्ता बनाना ही समाधान- ब्योर्न लॉम्बॉर्ग
आज दुनिया भर के तमाम नेता अब तक के सबसे खर्चीले जलवायु परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन नेताओं में शामिल होंगे। मगर सच यही है कि पेरिस समझौते की जितनी कीमत हम चुकाने वाले हैं, उसकी उपलब्धि उतनी ही कम रहने वाली है। इस समझौते में औसत वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि को औद्योगिक युग के पहले के स्तर से दो डिग्री...
More »सौर ऊर्जा पर चलेंगे भविष्य के शहर
पांच वर्षों में 10% परंपरागत ऊर्जा की जगह लेंगे सोलर सिटीज शहरीकरण और आर्थिक विकास की तेज गति ने ऊर्जा संबंधी हमारी जरूरतों को भी बढ़ाया है. इससे ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ा है़ ऐसे में दुनिया भर के कई शहरों ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन स्तर में कमी लाने के लिए नये लक्ष्य और नीतियां निर्धारित किये हैं. इसी क्रम...
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